नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग को खाली करने के हाईकोर्ट के फैसले को एजेएल ने हाइकोर्ट के डिवीजन बेंच में चुनौती दी है। याचिका में सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है। 

एजेएल के वकीलों की ओर से कहा गया कि सिंगल बेंच ने एजेएल की दलीलों पर बिना विचार किये ही यह फैसला दिया है। 

दिल्ली हाइकोर्ट ने एजेएल की याचिका को खारिज कर दिया था  और दो हफ्ते के भीतर हेराल्ड बिल्डिंग को खाली करने का आदेश दिया था। 

कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर 2 हफ्ते में बिल्डिंग खाली नही की गई तो कानून के तहत करवाई की जाएगी। 

कोर्ट ने यह फैसला केंद्र सरकार के 30 अक्टूबर को भेजे हए नोटिस और नेशनल हेराल्ड बिल्डिंग की लीज खत्म करने के फैसले को एजेएल द्वारा दी गई चुनौती पर सुनवाई के बाद दिया था। 

न्यायमूर्ति सुनील गौड़ के समक्ष सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि एजेएल को समाचार पत्र प्रकाशन के लिए बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित जमीन लीज पर दी गई थी। लेकिन वहां पर 2008 से 2016 के बीच प्रकाशन बंद कर दिया गया। कंपनी ने इस इमारत की तीन मंजिल किराये पर दे दी थी। जिससे उसे 15 करोड़ रुपये किराया मिल रहा था। यह लीज शर्तो का उल्लंघन है। 

इसलिये कंपनी को हेराल्ड हाउस खाली करने का आदेश दिया था। एजेएल ने कहा था कि सरकार का यह आदेश राजनीति से प्रेरित है और इसका मकसद विपक्षी पार्टियों की असंतोष की आवाज को दबाना व बर्बाद करना है।