नई दिल्ली—असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लगाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने स्थिति की समीक्षा।

दोनों नेताओं ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ असम की स्थिति की समीक्षा की। सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह राज्य में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन और विरोध के बाद स्थिति की समीक्षा की। 

सर्बानंद सोनोवाल और उनके मंत्रालय के सहयोगी हेमंत बिस्व सरमा ने असम में विधेयक के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों को लेकर गृह मंत्री को अवगत कराया। 

गौरतलब है कि सरकार ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू किया था। एनआरसी   के मुताबिक असम के 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों को वैध नागरिक माना गया है।

वैध नागरिकता के लिए 3,29,91,384 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें 40,07,707 लोगों को अवैध माना गया है। एनआरसी  की रिपोर्ट के बाद देश के राजनीतिक गलियारों में भी सरगर्मी तेज़ है।

1955 के सिटिजनशिप एक्ट के तहत केंद्र सरकार पर देश में हर परिवार और व्यक्ति की जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी है। सिटिजनशिप एक्ट 1955 के सेक्शन 14ए में 2004 में संशोधन किया गया था, जिसके तहत हर नागरिक के लिए अपने आप को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस यानी एनआरसी में रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य बनाया गया था।