नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अकाली दल ने इनेलो के साथ चुनावी गठबंधन करने का फैसला किया है। हालांकि भाजपा ने अकाली दल को राज्य में एक भी सीट नहीं दी। यही नहीं अकाली दल का एकमात्र विधायक भाजपा  में शामिल हो गया। जिसके कारण अकाली दल भाजपा से नाराज चल रहा है। लिहाजा अब इनेलो ने भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

हालांकि अकाली दल का इनेलो के साथ गठबंधन काफी पुराना है। पिछले विधानसभा में भी अकाली दल ने इनेलो के साथ गठबंधन कियाथा। हालांकि बाद में ये 2017 में सतलुज-यमुना लिंक नहर के मुद्दे पर टूट गया था। लिहाजा एक बार फिर अकाली दल ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछले दिनों ही अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने भाजपा को लेकर नाराजगी जताई थी। बादल ने कहा था कि केन्द्र में अकाली दल भाजपा का सहयोगी है।

लिहाजा राज्य में भी उनसे सीटें मिलनी चाहिए। लेकिन भाजपा ने अकाली दल के साथ कोई गठबंधन नहीं किया। यही नहीं भाजपा ने अकाली दल को झटका देते हुए उसके एकमात्र विधायक को भाजपा में शामिल करा दिया। हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान होना है और इसके लिए नामांकन करने की अंतिम  तिथि 4 अक्टूबर है। चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को आएंगे। माना जा रहा है कि इनेलो और अकाली दल में आज सीटों का बंटवारा हो जाएगा। जिसके बाद दोनों दलों के प्रत्याशी नामांकन करेंगे।

गौरतलब  है कि पिछले दिनों इनेलो के कई नेता भाजपा में शामिल हो गए थे और इन नेताओं को इनेलो ने टिकट दिया है। भाजपा ने इनेलो से शामिल होने वाले राम कुमार कश्यप को इंद्री, परमिंदर सिंह को जुलाना, राम चंद्र कम्बौज को रानिया, सतीश नांदल को गढी-सांपला, जाकिर हुसैन को नुह, नसीम अहमद को फिरोजपुर झिरका, नरेंद्र भडाना को फरीदाबाद एनआईटी से प्रत्याशी घोषित किया है। उधर कांग्रेस ने भी अपने 84 प्रत्याशियों की सूची घोषित कर दी है।