फिलहाल अखिलेश ने सबसे पहले संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने की कवायद शुरू की है। राज्य में हुए विधानसभा उपचुनाव में सपा 11 में से 3 सीटें जीतने में कामयाब रही। जबकि भाजपा खाते में 8 सीटें आई वहीं बसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई। जिसके बाद पार्टी को लग रहा कि करीब ढाई साल बाद होने वाले चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच में ही होगा। लिहाजा अभी से पार्टी चुनाव में जुट गई है।
लखनऊ। हाल ही में हुए उपचुनाव में मिली सफलता के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी को मजबूत करने शुरू कर दिया है। अखिलेश अभी से राज्य में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। इसके लिए सबसे पहले संगठन को मजबूत करने की कवायद चल रही है। इसके बाद योगी सरकार के विभिन्न आंदोलन किए जाएंगे।
फिलहाल अखिलेश ने सबसे पहले संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने की कवायद शुरू की है। राज्य में हुए विधानसभा उपचुनाव में सपा 11 में से 3 सीटें जीतने में कामयाब रही। जबकि भाजपा खाते में 8 सीटें आई वहीं बसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई। जिसके बाद पार्टी को लग रहा कि करीब ढाई साल बाद होने वाले चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और सपा के बीच में ही होगा। लिहाजा अभी से पार्टी चुनाव में जुट गई है।
इस बार संगठन में दायित्व (पद) सम्बंधित व्यक्ति को उसके बूथ के प्रदर्शन के आधार पर मिलेगा। वहीं जिले और प्रदेश कार्यकारिणी में जातीय समीकरणों के आधार पर पद दिए जाएंगे। असल में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी और प्रदेश अध्यक्ष को छोड़ सभी जिला/शहर इकाइयों, प्रदेश कार्यकारिणी और फ्रंटल संगठनों को भंग कर दिया था।
मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ही औपचारिक रूप से सपा संगठन का दायित्व संभाल रहे हैं। लेकिन अब सपा फिर से संगठन को मजबूत कर प्रदेश सरकार के खिलाफ जिले स्तर पर प्रदर्शन की तैयारी कर रहा है। लिहाजा इसके लिए सबसे पहले संगठन को मजबूत करने की जरूरत है।
Last Updated Nov 3, 2019, 1:34 PM IST