लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव नागरिकता संसोधन कानून और एनआरसी को लेकर जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। तो सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव ने नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) का समर्थन किया है। हालांकि इससे पहले भी अपर्णा कई मुद्दों पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के फैसलों का विरोध कर चुकी है। लिहाजा अपर्णा के समर्थन से अखिलेश बैकफुट पर हैं। क्योंकि अभी तक अखिलेश अपर्णा के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर सके हैं।

मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू सपा प्रमुख अखिलेश यादव के छोटे भाई की पत्नी अपर्णा यादव ने एक बार फिर पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है। अपर्णा ने नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर यानी एनआरसी का समर्थन कर केन्द्र की भाजपा सरकार को अपना समर्थन दिया है। एक मीडिया संस्थान को दिए गए इंटरव्यू में अपर्णा ने पार्टी के खिलाफ जाकर एनआरसी का समर्थन किया है। जबकि सपा इसका विरोध कर रही है।

सपा ने लोकसभा और राज्यसभा में भी नागरिकता संसोधन कानून का विरोध किया था और अब वह एनआरसी का भी विरोध कर रही है। वहीं अपर्णा का रूख समाजवादी पार्टी के विपरीत है और अखिलेश यादव यहां तक कह चुके हैं कि जनसंख्या स्कीम से जुड़े कोई भी दस्तावेज नहीं भरेंगे। अपर्णा ने साफ कहा कि भारतीयों को इस कानून से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए और जो घुसपैठिए हैं उनके लिए ये कानून है। अपर्णा ने कहा  कि इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए और उदारवादी नेताओं को समझना चाहिए कि यह राष्ट्र हित में किया गया कार्य है।

हालांकि इससे पहले भी अपर्णा केन्द्र सरकार के समर्थन में खुलकर आई थी। वहीं आजम प्रकरण में भी अपर्णा यादव ने पार्टी के खिलाफ बयान दिया था। लेकिन उसके बावजूद अभी तक अखिलेश यादव अपर्णा के खिलाफ किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं कर सके हैं। अपर्णा कैंट विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी के टिकट की दावेदार थी। लेकिन पार्टी ने मुलायम की सिफारिश के बावजूद अपर्णा को टिकट नहीं दिया।