लोकसभा चुनाव के चार चरण पूरे होने के बावजूद सियासी हमले की धार कम होने का नाम नहीं ले रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में एक चुनावी रैली में किए दावों से विपक्ष भन्ना गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी के उस दावे की तीखी आलोचना की है जिसमें उन्होंने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस के 40 विधायक उनके संपर्क में हैं। अखिलेश ने कहा कि उनके इस 'शर्मनाक' भाषण के लिए उन पर '72 साल का प्रतिबंध' लगाया जाना चाहिए। 

चुनाव आयोग ने हाल में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं पंजाब के मंत्री नववोज सिंह सिद्धू समेत कई नेताओं पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर प्रचार करने पर 72 घंटे की रोक लगा दी थी। 

पीएम के दावे के बाद अखिलेश ने ट्वीट किया, 'विकास पूछ रहा है...क्या आपने प्रधानजी (प्रधानमंत्री) का शर्मनाक भाषण सुना? 125 करोड़ देशवासियों का भरोसा खोने के बाद अब वह 40 विधायकों की ओर से कथित रूप से दिए गए दलबदल के अनैतिक आश्वासन के भरोसे हैं।'  उन्होंने कहा, 'यह उनके काले धन की मानसिकता दर्शाता है। उन पर 72 घंटे नहीं बल्कि 72 साल का प्रतिबंध लगना चाहिए।’  

उधर, टीएमसीने आरोप लगाया कि मोदी के भाषण से संकेत मिलता है कि ‘खरीद फरोख्त’ की कोशिशें हैं। पार्टी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को ऐसे, ‘उत्तेजक और अलोकतांत्रिक’ बयानों के लिए उनका नामांकन रद्द करना चाहिए। टीएमसी ने कहा, यह प्रधानमंत्री का अशोभनीय बयान है क्योंकि वह वोटरों को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। वह एक गलत मंशा से उनके दिमाग में यह छाप छोड़ना चाह रहे हैं कि तृणमूल के कई विधायक उनके संपर्क में हैं और वे पार्टी छोड़ सकते हैं।

क्या बोले थे पीएम मोदी 

पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के श्रीरामपुर लोकसभा सीट और उत्तर 24 परगना के बैरकपुर निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार के दौरान मोदी ने टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षाओं पर हमला बोलते हुए कहा था, 'दीदी दिल्ली दूर है।' पीएम मोदी ने कहा था, 'दीदी जब चुनाव परिणाम आएंगे तब आपके विधायक भी आपका साथ छोड़ देंगे। आपके 40 विधायक मेरे संपर्क में हैं। एक बार भाजपा चुनाव जीत जाए आपके सभी विधायक आपको छोड़ कर भाग जाएंगे। राजनीतिक जमीन आपके पैरों के नीचे से खिसक चुकी है।' 

क्या कहा है टीएमसी ने चुनाव आयोग से

चुनाव आयोग को लिखे पत्र में तृणमूल ने ऐसे ‘निराधार, अनुचित और अवैध’ अभियान और बयान के लिए पीएम मोदी के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ की मांग की है। आयोग को लिखे एक पत्र में टीएमसी ने कहा, ‘हम खरीद-फरोख्त के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी के झूठ को आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं।’टीएमसी ने कहा कि, ‘निर्वाचन आयोग से प्रार्थना की जाती है कि वह प्रधानमंत्री मोदी से पूछें कि उनकी टिप्पणी के साक्ष्य कहां हैं। अगर वे ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उनका नामांकन ऐसे भड़काऊ और अलोकतांत्रिक बयानों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुये रद्द किया किए।’ (इनपुट पीटीआई से भी)