लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में बदलाव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी में बदलाव करने की तैयारी में जुट गए हैं। लेकिन इस बार पार्टी में अखिलेश यादव का नया समाजवाद नहीं बल्कि मुलायम का समाजवाद दिखेगा। ताकि तीन साल बाद राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी फिर से सत्ता पर काबिज हो सके। फिलहाल पार्टी राज्य में होने वाले उपचुनावों में फोकस कर रही है।

लोकसभा चुनाव में एसपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी महज पांच सांसदों में सिमट कर रह गयी है। पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में उसका वोट शेयर भी कम हो गया है। जबकि उसने बीएसपी और आरएलडी के साथ गठबंधन किया था। यहां तक की यादव परिवार के दिग्गजों को भी हार का सामना करना पड़ा है।

अखिलेश यादव के दो चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव और अक्षय यादव और पत्नी डिंपल यादव भी चुनाव हार गयी हैं। जबकि जिन सीटों से ये नेता हार हैं वह एसपी का गढ़ मानी जाती थी। फिलहाल अब पार्टी ने 2022 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जल्द ही संगठनात्मक ढांचे में बड़ा बदलाव किया जाएगा।

फिलहाल पार्टी जल्द ही होने वाले उपचुनाव की तैयारी में जुट गयी है और इसके लिए एसपी अध्यक्ष ने मुलायम की उपस्थिति में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर हार की समीक्षा की। हालांकि ये तय हो गया कि संगठन में बदलाव के बाद कई दिग्गजों पार गाज गिरेगी। 

लेकिन अखिलेश यादव इस बार पार्टी को मुलायम के दौर की पार्टी बनाना चाहते हैं। असल में मुलायम सिंह के दौर में पार्टी ने समाज के सभी तबकों को संगठन में शामिल किया था। जिसके कारण पार्टी को राज्य में कई बार सत्ता मिली। पार्टी की ताकत लोकसभा में भी बढ़ी और पार्टीं 35 सीटों तक भी पहुंची।

जबकि अखिलेश की अगुवाई में में पार्टी लगातार तीन चुनाव हार चुकी है। राज्य में पार्टी की धमक कम हो गयी है। लिहाजा अखिलेश संगठन में फिर मुलायम का फार्मूला लागू करेंगे। इस बार पार्टी समाज के सभी लोगों को शामिल करेगी। फिलहाल हार के बाद अब मुलायम भी सक्रिय हो गए हैं और वह अखिलेश को सलाह भी दे रहे हैं।