लश्कर-ए-तैयबा अपने आतंकियों को समुंदर के रास्ते भारत में घुसपैंठ करा सकता है। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लश्कर अपने आतंकियों को समुद्र में गोताखोरी की ट्रेनिंग दे रहा है। साथ ही यह जानकारी भी प्राप्त हुई है कि लश्कर और दूसरे आतंकी संगठन अपनी क्षमताएं बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके चलते समुद्र के रास्ते हमले की आशंका बढ़ गई है।

बता दें 2008 में मुंबई में हुए हमले के दौरान भी 10 पाकिस्तानी आतंकी समुद्री रास्ते के जरिए ही आए थे।

जानकारी यह भी मिली है कि 7,517 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा की रखवाली करने वाले कोस्ट गार्ड और नेवी को आतंकियों के बारे में अलर्ट कर दिया गया है।

भारत को आशंका है कि लश्कर के आतंकी कार्गो शिप या ऑयल टैंकर को हाईजैक करके भारतीय तटों पर हमला कर सकते हैं या फिर पानी के अंदर से आत्मघाती हमलों को अंजाम दे सकते हैं। विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही ट्रेनिंग में डाउन प्रूफिंग भी शामिल है, जिसमें तैराक के हाथ और पैर बंधे रहते हैं। केवल सीने के सहारे वह पानी में तैर सकता है।

अधिकारी ने बताया कि लश्कर, जैश और दूसरे आतंकी संगठनों ने भारत को निशाना बनाने के लिए आतंकियों का ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया है। इसमें तैराकी और गोताखोरी भी शामिल है।

नेवी और कोस्टगार्ड को मिले इनपुट के मुताबिक, ये ट्रेनिंग शेखपुरा, लाहौर और फैसलाबाद में जून से दी जा रही है।

बता दें यह पहली दफा नहीं है जब आतंकी समुद्र के जरिए घुसपैंठ करने की कोशिश करेंगे। इससे पहले 26 नवंबर 2008 को मुंबई में समुद्र के रास्ते आतंकवादी दाखिल हुए थे। इस हमले में 164 लोगों की जान गई थी और 304 लोग घायल हुए थे।