हजारों करोड़ रुपये के बिटक्वाइन धोखाधड़ी मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय मूल के दिव्येश दर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। उसने कथित तौर पर अपने साथियों के साथ मिलकर यह घोटाला किया। भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर दुबई ने दर्जी को प्रत्यर्पित किया है। दर्जी को दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचते ही गिरफ्तार कर लिया गया। वह बिटक्वाइन धोखाधड़ी का कथित मास्टरमाइंड है।

दर्जी और उसके तीन सहयोगियों ने बिट कनेक्ट लिमिटेड के नाम से ब्रिटेन में 2016 में बिटक्वाइन निवेश कंपनी बनाई थी। कंपनी ने मानव मार्केटिंग के साथ साझेदारी में लोगों को बिटक्वाइन में निवेश कराने के लिए www.bitconnect.co नाम की वेबसाइट भी लांच की थी। 

निवेशकों से कथित तौर पर हजारों करोड़ रुपये बिटक्वाइन अथवा ऑनलाइन क्रिप्टो करेंसी में बदलने के नाम पर ठगने के बाद यह वेबसाइट जनवरी 2018 में बंद हो गई। 

कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि आरोपी बिजनेसमैन और उसके सहयोगियों ने कुछ साल में ही लोगों से 80,000 करोड़ रुपये ठग लिए। इन सभी को बिटक्वाइन में भारी मुनाफे का झांसा दिया गया था। फिलहाल, दर्जी से गुजरात पुलिस की विशेष जांच शाखा (एसआईटी)  पूछताछ कर रही है। जांच में कुछ बड़ी जानकारियां सामने आने की उम्मीद है। इसके साथ ही भारत में बिटक्वाइन धोखाधड़ी के तरीके पर भी जानकारी सामने आ सकती है। अब क्रिप्टोकरेंसी का बिजनेस भारत में अपराध है। 

दुनिया भर में विभिन्न मुद्दों को लेकर क्रिप्टो करेंसी के खिलाफ कई सरकारों ने प्रतिबंध लगा रखा है। इनमें चीन, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। 

सरकार पीएनबी धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और शराब कारोबारी विजय माल्या जैसे आर्थिक भगोड़ों के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण का भी प्रयास कर रही है। दोनों ही लंबे समय से ब्रिटेन में छिपे हुए हैं।