नई दिल्ली। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इसके लिए भूमि आवंटित करने की मांग की है। वहीं स्वामी ने अपने पत्र में लिखा है कि केन्द्र सरकार को जल्द ही रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करना चाहिए।

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए काफी समय से प्रयासरत बीजेपी सांसद स्वामी ने केन्द्र में दोबारा बीजेपी की सरकार बनने से बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि आवंटन करने का अनुरोध किया है। राम मंदिर को लेकर स्वामी सुप्रीम कोर्ट में कई बार अपील कर चुके हैं।

वहीं उन्होंने पिछली बीजेपी की सरकार के दौरान अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने का अनुरोध किया था। स्वामी ने अपने पत्र में लिखा है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन आवंटन के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की जरूरत नहीं है। लिहाजा केन्द्र सरकार इस पर स्वयं फैसला ले सकती है।

स्वामी ने इसके लिए तर्क दिए हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिम्हा राव ने 1993 में इसे जमीन को अधिग्रहित कर अपने कब्जे में लिया था। लिहाजा इसके लिए कोर्ट की अनुमति जरूरी नहीं है। गौरतलब है कि राम मंदिर विवादित बाबरी मस्जिद मामले का विवाद उच्चतम न्यायालय में लंबित है।

वहीं पिछली नरेन्द्र मोदी सरकार ने जनवरी में सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था, जिसके तहत 67 एकड़ अतिरिक्त जमीन मूल भूमि राम जन्म भूमि न्यास को लौटाने की इजाजत मांगी थी। क्योंकि न्यास का गठन राम मंदिर निर्माण के लिए ही किया गया था। पूर्व कानून मंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि सरकार ने कोर्ट में जो प्रतिवेदन दिया था वह गलत था और उसे भूमि वापस लेने के लिए किसी की इजाजत नहीं है और भूमि तो सरकार के कब्जे में ही है।

स्वामी ने पीएम मोदी से रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की। स्वामी ने लिखा है कि केन्द्र सरकार कैबिनेट मे इसके लिए प्रस्ताव लाकर इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर सकती है। क्योंकि ये सभी प्रकार की जरूरी अर्हताओं को पूरा करता है।