नई दिल्ली। ताइवान की मीडिया ने दावा किया है कि ताइवान और चीन के बीच खराब रिश्तों के बीच ताइवान के ऊपर अमेरिका युद्धक विमानों ने उड़ान भरी है। इस खबर के बाद चीन घबरा गया है।  अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में जबरदस्त कड़वाहट आ गई है। वहीं अमेरिका ने चीन पर कई तरह से दबाव बनाया है।

ताइवान की मीडिया रिपोर्ट्स के के मुताबिक संभावित युद्धक्षेत्रों में चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तैनाती की खुफिया जानकारी इकट्ठा करने की अमेरिका ने अपनी कोशिशों में इजाफा कर दिया है।  वहीं चीनी सेना का कहना है कि संभावित मुठभेड़ के लिए उसे तैयार रहना होगा। वहीं पूर्व और दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी युद्धक विमानों की मौजूदगी के कारण चीन और ताइवान के बीच संबंध और ज्यादा खराब हो रहे हैं। चीन ताइवान पर अपना अधिकार जताता है। जबकि ताइवान एक स्वतंत्र देश है।  फिलहाल चीनी विशेषज्ञों का दावा है कि दोनों देशों के बीच  मुठभेड़ हो सकती है और चीनी सेना को संभावित मुठभेड़ के लिए तैयार रहना चाहिए।

मीडिया में जो खबरें आ रही हैं उसके  मुताबिक अमेरिकी बॉम्बर ने ताइवान के गुआम स्थित एंडरसन एयरफोर्स बेस से पूर्वी चीन सागर एयर डिफेंस आइडेन्टिफिकेशन जोन में उड़ान भरी थी और ये इलाका ताइवान के पूर्वोत्तर में है। उधर ताइवान की मीडिया का कहना है कि अमेरिका का ये कदम चीनी सेना को सीधे तौर पर चुनौती देने जैसा है। वहीं चीन के विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले दो साल में अमेरिका 1,000 से ज्यादा बार अपने बॉम्बर और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलीजेंस एयरक्राफ्ट को दक्षिण चीन सागर के पास भेज चुका है। चीन का विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका चीनी हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया, इसलिए उन्हें नीचे गिराने की जरूरत नहीं है।