लखनऊ: यूपी की अमेठी सीट से चुनी गईं सांसद स्मृति ईरानी के करीबी बीजेपी कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने प्रेस कांफ्रेन्स करके जानकारी दी है। इस मामले में तीन संदिग्ध लोगों को गिरप्तार कर लिया गया है। जबकि दो लोग अभी तक फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तार के लिए भी कोशिश कर रही है। 

यूपी पुलिस के डीजीपी ओ.पी.सिंह ने मीडिया को जानकारी दी कि गिरफ्तार गए तीनो लोगों के साथ सुरेन्द्र सिंह की राजनीतिक रंजिश थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में गांव के बीडीसी रामचंद्र पासी, धर्मनाथ गुप्ता और नसीम हैं। जबकि इस हत्या में शामिल वसीम और अतुल सिंह उर्फ गोलू अभी तक फरार हैं।  

पुलिस ने बताया है कि आरोपी इसलिए सुरेन्द्र सिंह से नाराज थे क्योंकि वह स्थानीय निकाय चुनाव में उनका समर्थन करने की बजाए किसी और को सहयोग दे रहे थे। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई थीं। तीनों संदिग्धों को अलग अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक देसी पिस्तौल भी बरामद की है। 

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया का सबूतों के आधा पर यह स्पष्ट है कि इस हत्याकांड में शामिल पांचों लोगों ने ही साजिश का सूत्रपात किया था। 

पुसि ने बताया कि इस हत्या में देसी कट्टे का इस्तेमाल किया गया था। सुरेन्द्र सिंह को बेहद नजदीक से सिर में गोली मारी गई थी। 

हत्या के बाद मृतक सुरेन्द्र सिंह के बेटे अभय ने कांग्रेस समर्थकों पर इस हत्या का शक जाहिर किया था। अभय का कहना था कि 'मेरे पिता स्मृति ईरानी के प्रचार में चौबीसों घंटे लगे रहते थे। स्मृति ईरानी की जीत के बाद विजय यात्रा निकाली जा रही थी। ये बात कांग्रेस समर्थकों को अच्छी नहीं लगी थी, शायद इसीलिए उनकी हत्या कर दी गई। हमें कुछ लोगों पर संदेह है।'

सुरेन्द्र सिंह की हत्या शनिवार की रात 11.30 पर की गई थी। उनकी मृत्यु के बाद स्मृति ईरानी उनके घर पहुंची थीं। उन्होंने मृतक की अर्थी को कंधा भी दिया था।