शाह ने कार्यकर्ता से कहा कि वो बिना ये सोचे कि मुख्यमंत्री कौन होगा इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कठिन परिश्रम करें।


बता दें कि पार्टी ने पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए एक बार फिर से वसुंधरा राजे के नाम का ऐलान कर दिया है।


“तीन राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनाव नतीजे 2019 लोकसभा चुनावों के लिए ट्रेंड सेट करेंगे” अपने एकदिवसीय जयपुर दौरे के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं से अमित शाह ने यह बात कही।
शक्ति केंद्र पर हुए पार्टी वर्कर्स के सम्मेलन में अमित शाह ने यह भी कहा कि, “2019 चुनावों में जीत से ही पार्टी के 50 सालों तक शासन करने रास्ता निकलेगा”।


बिरला ऑडिटोरियम में लोकल बॉडी के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि “विधानसभा चुनाव 2019 आम चुनावों के ट्रेलर हैं ऐसे में आप लोगों को जबरदस्त जीत के लिए जमकर पसीना बहाना होगा”।


कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं को प्रचार के दौरान सिर्फ दो बातों का ख्याल रखना होगा, वो है चुनाव चिन्ह कमल और भारत माता।


महागठबंधन की बात पर अमित शाह ने कहा कि इसका कोई असर देखने को नहीं मिलेगा। जो थोड़ी बहुत कवायद होगी वो बस यूपी तक ही सीमित रहेगी।


उन्होंने चुटकी लेते हुए कार्यकर्ताओं से यह बात भी कही कि जब वो प्रचार के लिए निकलें तो लोगों से यह जरूर पूछें कि अगर राहुल गांधी, प्रधानमंत्री, ममता बनर्जी, विदेश मंत्री और मुलायम सिंह यादव रक्षा मंत्री बनेंगे तो कैसा लगेगा।


शाह ने कहा कि कार्यकर्ता लोगों के बीच जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा करवाए गए विकास के कामों को लोगों तक पहुंचाएं। उनका कहना था कि राजस्थान में भाजपा को कोई हरा नहीं सकता।


कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि पहले वो यह तय करें कि उनका नेता कौन होगा और नीतियां क्या होंगी।


अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने देश की जनता के सामने दुविधा पैदा किया। दादरी में अखलाक की हत्या को अलग रंग दिया गया और अवार्ड वापसी का प्रायोजित अभियान चलाया गया। हालांकि, राहुल पर तंज कसते हुए उन्होंने यह भी कहा कि राहुल बाबा को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने के हक है।


अमित शाह ने कहा कि मोदी और वसुंधरा सरकार ने कुछ भी ऐसा नहीं किया जिससे कि आपको सिर नीचा करके चलना पड़े। कार्यकर्ताओं से शाह ने कहा कि हर पार्टी कार्यकर्ता को कम से कम पांच गांवों में जाना होगा और लोगों को सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताना होगा, जैसे कि सर्जिकल स्ट्राइक और किसानों को मिलने वाले न्यूनतम साझा मूल्य में बढ़ोतरी करना।


जुलाई से अबतक शाह का ये जयपुर का तीसरा दौरा है। हालांकि, शाह की इस बार की यात्रा के दौरान जयपुर में किसी सभा में सीएम वसुंधरा मौजूद नहीं रही, वो अपनी राजस्थान गौरव यात्रा के लिए चूरू जिले में थीं।


चूरू और रतनगढ़ की सभाओं में वसुंधरा ने भी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस एक तरफ तो भारत बंद बुला रही है लेकिन उनके द्वारा शासित राज्य सरकारों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी के लिए कोई प्रयास नहीं किया। वसुंधरा ने अपनी सरकार द्वारा पेट्रो पदार्थों पर 4 प्रतिशत वैट घटाने का भी हवाला दिया।


सुबह ही सांगानेर हवाई अड्डे पर पहुंचे अमित शाह का प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी ने स्वागत किया। जहां से वो मोती डुंगरी मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की। इस दौरान उनके वाहन के आस-पास कार्यकर्ता साइकिल पर सवार हो चलते रहे।


अमित शाह ने जयपुर में कार्यकर्ताओं की चार सभाओं को संबोधित किया, जिनमें नगर किया निकाय सम्मेलन, प्रबुद्ध जन सम्मेलन, और कार्यकर्ताओं से सूरज मैदान और बिरला ऑडिटोरियम में दो सम्मेलन शामिल रहे। इस दौरान वो प्रदेश में संघ के कर्ता-धर्ताओं से भी मिले।

जयपुर से पूनम डी की रिपोर्ट