केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पदभार संभालते ही जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार की सक्रियता लगातार देखने को मिल रही है। राज्य में तैनात सुरक्षा बलों के लिए टॉप 10 आतंकियों की एक नई सूची तैयार की गई है। सुरक्षा बलों को इन आतंकियों को जल्द से जल्द खत्म करने का टॉरगेट दिया गया है। 

'माय नेशन' के पास उपलब्ध इस सूची में लश्कर-ए-तैयबा के जिला कमांडर वसीम अहमद उर्फ ओसामा, हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ कमांडर रियाज नायकू  के साथ-साथ अनंतनाग, बारामुला और पुलवामा के जिला कमांडरों का नाम शामिल है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने टॉप 10 आतंकियों की यह सूची सुरक्षा बलों से सलाह-मशविरे के बाद तैयार की है। इसमें प्रमुख रूप से हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अल बद्र जैसे आतंकी संगठनों के प्रमुख आतंकियों को शामिल किया गया है।

इस सूची में शामिल दूसरे नामों में हिजबुल मुजाहिदीन के बारामुला जिले में सक्रिय जिला कमांडर मेहराजुद्दीन और डॉ. सैफुल्लाह उर्फ सैफुल्लाह मीर का नाम भी शामिल है। इसके अलावा पुलवामा में हिजबुल का जिला कमांडर अरशल उल हक, जैश-ए-मोहम्मद का ऑपरेशनल कमांडर हफीज ओमार भी टॉप 10 लिस्ट में शामिल है। जैश के ही जहीद शेख उर्फ ओमार अफगानी को भी टॉप 10 वांटेड की सूची में रखा गया है। आतंकी संगठन अल बद्र के जावेद मातो फैसल उर्फ शाकिब मुशब और एजाज अहमद मलिक का नाम भी इस सूची में शामिल है। 

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मंत्रालय के मुताबिक, इस सूची को खुफिया ब्यूरो और दूसरी एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर तैयार किया गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि साल 2019 में 31 मई तक 102 आतंकियों का खात्मा किया गया है। सुरक्षा बलों के मुताबिक राज्य में अब भी 286 आतंकी सक्रिय बताए जा रहे हैं। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद जम्मू-कश्मीर में दो बार टॉप 10 आतंकियों की सूची बनाई गई। दोनों ही बार इस सूची में शामिल आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। 

गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक से मुलाकात की थी। इस दौरान मलिक ने उन्हें राज्य के मौजूदा हालात का ब्यौरा दिया था। यह बैठक 20 मिनट चली थी। जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार की ओर से सक्रियता ऐसे समय में बढ़ी है जब राज्य में अमरनाथ यात्रा का सीजन शुरू होने वाला है। 46 दिन तक चलने वाली यह यात्रा पहली जुलाई से शुरू होगी। मासिक शिवरात्रि से शुरू होकर यह यात्रा 15 अगस्त को श्रवण पूर्णिमा के दिन समाप्त होगी। 
 
अमित शाह से मुलाकात के बाद राज्यपाल मलिक ने कहा था कि उन्होंने सुरक्षा मामलों को विकास गतिविधियों को लेकर राज्यपाल के साथ बैठक की है। उन्होंने यह भी साफ कर दिया था कि गृहमंत्री के साथ राज्य में चुनाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। राज्य में कब चुनाव होंगे, यह तय करना चुनाव आयोग का काम है।