कश्मीर में चुनाव और कश्मीरी पंडितों की घाटी में वापसी केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की प्राथमिकताओं में हैं। लिहाजा अब अमित शाह कश्मीरी पंडितों के लिए ऐसा प्लान बना रहे हैं। जिसके तहत वह घाटी में अपने घरों में वापस जा सकेंगे। कश्मीरी पंडितों के लिए बनाए जा रहे पुर्नवास के तहत जल्द ही केन्द्र सरकार बड़े फैसले लेने जा रही है।

केन्द्र सरकार की योजना के तहत देश के विभिन्न हिस्सों रहे कश्मीरी पंडितों को उनके राज्य कश्मीर में भेजा जाना है। इसके लिए केन्द्र सरकार ने सभी तरह की तैयारियां कर ली हैं। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस योजना को शुरू किया जाएगा। ताकि कश्मीर पंडितों का कश्मीर में पुनर्वास हो सके।

लेकिन इसके लिए सबसे पहले राज्य में आतंकवाद का खात्म करना अमित शाह की लिस्ट में है। क्योंकि आतंकवादियों का खात्मा किए बगैर राज्य में पंडितों की वापसी होनी संभव नहीं है। जानकारी के मुताबिक केन्द्र सरकार अमरनाथ यात्रा के बाद कभी भी कश्मीरी पंडितों के लिए पुनर्वास कार्यक्रम का ऐलान कर सकती है।

केन्द्र सरकार के इस प्लान के तहत सबसे पहले कश्मीरी पंड़ितों को रिहायशी इलाकों को बसाया जाएगा। हालांकि इस योजना को शुरू करने का प्रस्ताव 2015 में जम्मू-कश्मीर सरकार दे चुकी है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक अमित शाह इस संबंध में एक महीने पहले गृह मंत्रालय के कश्मीरी डिवीजन के अफसरों से बैठक कर चुके हैं।

यही नहीं इसके लिए राज्य के प्रशासनिक अमले को भी तैयार रहने को कहा गया है। गौरतलब है कि कश्मीर में 1989 उग्रवादी गुटों के पूर्व नियोजित हिंसक हमलों के जरिए कश्मीर घाटी से कश्मीर पंडितों को भगा दिया था। इन आतंकियों हजारों पंडितों को मौत के घाट भी उतारा और उनके बेटियों और बहनों के साथ बलात्कार भी किए।

आतंकवादियों के डर से करीब तीन लाख से ज्यादा कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर से पलायन किया। आज कश्मीर पंडित देश के विभिन्न हिस्सों में दोयम जिंदगी जीने को मजबूर हैं। शुक्रवार को ही राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने संकेत दिए थे कि घाटी में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए सरकार आवश्यक नीति बनाने जा रही है। केन्द्र सरकार लोकसभा में कह चुकी है कि वह घाटी में 920 करोड़ रुपये की लागत से 6,000 ट्रांजिट आवास का निर्माण कर रही है।