केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से अपना पद संभालते ही ये संदेश दे दिया था कि वह आतंक के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे। लिहाजा उन्होंने इसके लिए कश्मीर मिशन बनाया है और इसी मिशन के तहत वह कश्मीर गए। जहां उन्होंने अलगाववादियों को उनकी हैसियत बता दी। अब शाह के इसी मिशन कश्मीर का हिस्सा है वहां पर आतंकवाद का सफाया करना। लिहाजा अब उन्होंने आतंकियों के खात्‍मे के लिए राष्ट्रीय राइफल्स का मुख्यालय ऊधमपुर स्थानांतरित करने की रणनीति पर काम हो रहा है।

कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों ने आतंकियों का सफाया करने के लिए अभियान चलाया हुआ है। रोजाना हो रहे एंकाउंटर में आतंकी मारे जा रहे हैं। अभी राज्य में राज्यपाल शासन है। लिहाजा सरकार की प्राथमिकताओं में वहां पर चुनाव कराना अहम है। अपने कश्मीर मिशन के तहत वहां पर सरकार बनाना तो भाजपा की प्राथमिकताओं में तो है, लेकिन उससे पहले आतंकियों का राज्य से सफाया करना और उनकी जड़ों को खत्म कर देना है, सरकार की टॉप लिस्ट में है।

लिहाजा अब केन्द्रीय गृहमंत्री ने दिल्ली से जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय रायफल का मुख्यालय स्थानांतरित की रणनीति पर काम रहे हैं। इससे राज्य में आतंकियों के सफाए के लिए और भी ज्यादा सुरक्षा बल मिलेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि सुरक्षाबलों को एक साल के अंदर आतंकवाद का खात्म करने का लक्ष्य दिया गया है। लिहाजा राज्य में ज्यादा से ज्यादा सुरक्षा बल और अफसरों को तैनात कर इस लक्ष्य को हासिल करना है। इसका संदेश गृहमंत्री पहले ही दे चुके हैं।

गौरतलब है कि पिछले महीने अमित शाह के कश्मीर दौरे पर किसी भी अलगाववादी संगठन ने कश्मीर बंद का ऐलान नहीं किया। यही नहीं अमित शाह किसी भी अलगाववादी नेता ओर राजनैतिक नेताओं से भी नहीं मिलेगा। जिससे इन नेताओ को अपनी हैसियत समझ में आ गयी है। अगर देखें तो बार बार देश के खिलाफ बयान देने वाले बयानों में भी कमी आयी है। इसके साथ ही कश्मीर घाटी में सेना के मिलिट्री इंटेलीजेंस, ऑपरेशन व इंफारमेशन वारफेयर कई पद बनाए जा रहे हैं।

फिलहाल जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की रोमियो फोर्स राजौरी-पुंछ, डेल्टा फोर्स डोडा, किलो फोर्स कुपवाड़ा व विक्टर फोर्स कश्मीर में आतंकवाद के खात्मा कर रही है। केंद्र सरकार ने अपनी रणनीति के तहत अलगाववादियों और आतंकियों के पास देश-विदेश से पहुंचने वाले फंड पर भी अंकुश लगाया दिया दिया है। जिसके कारण कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं।