मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला संसदीय सत्र चल रहा है। आज के सत्र में गृहमंत्री अमित शाह और एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बीच झड़प हो गई। जिसमें ओवैसी ने शाह पर धमकाने का आरोप लगाया। लेकिन अमित शाह का जवाब था कि डर तो ओवैसी के मन में है, इसमें कोई और क्या कर सकता है।
नई दिल्ली. लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक पास हो गया है। लेकिन विधेयक के दौरान गृहमंत्री अमित शाह और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के बीच जमकर तीखी बहस हो गई। शाह से औवेसी कहा कि उंगली मत दिखाइए, मैं डरूंगा नहीं। इस पर शाह ने कहा कि वे किसी को नहीं डरा रहे। साथ ही कहा कि वे उसकी मदद नहीं कर सकते जिसके जहन में डर है।
यह रहा पूरा घटनाक्रम
बागपत से बीजेपी सांसद और पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह अपनी बात संसद में रख रहे थे। जिसमें वे बता रहे थे कि पुलिस कमिश्नर पर राजनीतिक पार्टी के एक नेता जांच बदलने को लेकर प्रेशर बना रहे थे। कमिश्नर से कहा गया कि वे ऐसा नहीं करेंगे, तो उनका ट्रांसफर कर दिया जाएगा। सांसद सत्यपाल ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी मुंबई पुलिस कमिश्नर रहते थी। इस पर ओवैसी ने सत्यपाल सिंह से कहा कि इस मामले में वे सारे रिकॉर्ड सदन में रखें। इस पर अमित शाह ने कहा कि, बात रखने के दौरान सत्ताधारी पार्टी के सांसद विपक्ष के नेताओं को नहीं टोकते, इसलिए विपक्षी पार्टी को ऐसा नहीं करना चाहिए। जिसके बाद शाह ने औवेसी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि विपक्षी सांसदों को सुनने की आदत डालनी चाहिए। इसपर ओवैसी ने विरोध जताते हुए उंगली न दिखाने को कहा। वे डरने वाले नहीं हैं। इस पर शाह ने कहा डर आपके जहन में है, तो मैं क्या कर सकता हूं।
राष्ट्रहित में एनआईए संशोधन विधेयक: सरकार
सरकार का कहना है, एनआईए संशोधन विधेयक से एजेंसी की जांच करने की शक्ति का विस्तार होगा। इससे वे आतंकवाद के खिलाफ नीति बना सकेंगे। यह राष्ट्रहित में है। वहीं विपक्ष का आरोप है कि, सरकार कानूनों में संशोधन करके भारत को पुलिस स्टेट में बदलना चाहती है।
Last Updated Jul 16, 2019, 2:13 PM IST