नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह हरियाणा के जिंद से चुनावी रैली का आगाज करेंगे। हरियाणा में इसी साल चुनाव होने हैं और भाजपा ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। हरियाणा में पिछले पांच साल से भाजपा की सरकार है और राज्य में फिर से सरकार बनाना भाजपा के लिए चुनौती है। हालांकि राज्य में विपक्ष पूरी तरह से बिखरा हुआ है। जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। आज की रैली में सबसे खासबात ये होगी कि काले रंग के कपड़े पहने लोगों को एंट्री नहीं मिलेगी।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की हरियाणा में चुनाव से पहले पहली रैली आयोजित होने जा रही है। इसे एक तरह से चुनावी आगाज के तौर पर भी देखा जा रहा है। राज्य में भाजपा की सरकार है और फिर से सरकार बनाना भाजपा के लिए चुनौती है। हरियाणा में इस रैली का आयोजन पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने किया है।

असल में जिंद के रैली आयोजित करने के पीछे राज्य में जाट वोटों को भाजपा की तरफ मोड़ना है। लिहाजा इस रैली का जिम्मा पूर्व मंत्री बीरेन्द्र सिंह को सौंपा गया है। बीरेन्द्र सिंह पिछली भाजपा सरकार में केन्द्रीय मंत्री थे लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया गया था जबकि उनके आईएएस बेटे को जिंद से टिकट दिया गया था और वह चुनाव जीतने में सफल रहे। यही नहीं बीरेन्द्र सिंह कभी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार थे। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव ठीक पहले उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था।

चौधरी बीरेंद्र सिंह दीनबंधु सर छोटू राम के नाती और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रिश्ते में भाई हैं और उनकी पत्नी प्रेमलता जींद जिले के उचाना से भाजपा की विधायक हैं। फिलहाल जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद इस रैली के अलग मायने हैं। क्योंकि हरियाणा बहुत बड़ा वर्ग सेना से जुड़ा हुआ है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद चल रही प्रतिक्रियाओं के बीच अमित शाह जींद की धरती से कोई बड़ा राजनीतिक संदेश भी दे सकते हैं।

केन्द्रीय गृहमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का खास ख्याल रखा गया है बीएसएफ के जवान हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे और आसपास इलाकों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पूरे एकलव्य स्टेडियम को ही छावनी में तब्दील कर दिया गया है और हर तरफ सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। यही नहीं इस रैली में काले कपड़े पहने लोगों को एंट्री भी नहीं मिलेगी। क्योंकि ये आशंका जताई जा रही है कि गृहमंत्री को लोग काले कपड़े दिखाकर विरोध जता सकते हैं।