नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में हुए जमीन घोटाले में अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी जांच शुरू कर दी है। इससे पहले राज्य की सीआईडी ने इसकी जांच की थी। इस जांच में सामने आया कि अमरावती में कई बीपीएल धारकों ने करोड़ों की जमीन को खरीदा है। इन जमीन खरीदने वालों के पास पैन कार्ड भी नहीं है। माना जा रहा है कि ईडी और सीआईडी की जांच के बाद राज्य की पूर्व टीडीपी सरकार के नेताओं की मुश्किलें बढ़ेंगी। राजधानी क्षेत्र में भूमि सौदों में अनियमितताओं के मामले में अब ईडी भी जांच करेगी।

प्रवर्तन निदेशालय ने राजधानी क्षेत्र में भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं के मामले में जांच शुरू कर दी है। इसमें जो बात अभी तक सामने आई है। उसमें जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं थे और जो बीपीएल कार्ड धारक हैं। उन्होंने दो हजार करोड़ रुपये की जमीन खरीदी है। अभी तक जो जानकारी सामने आयी है उसके मुताबिक राशन कार्ड धारकों, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों ने 2014-15 के दौरान 2000 करोड़ रुपये से अधिक की 700 एकड़ जमीन खरीदी।

  जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि 797 राशन कार्डधारक, जिनकी महीने की आय 5,000 रुपये से कम कम है। उन्होंने भी यहां पर  700 एकड़ जमीन खरीदी। जिसका 200 करोड़ रुपये है। जानकारी के मुताबिक अमरावती में 2014 और 2015 के दौरान भूमि का पंजीकरण हुआ था और यहां पर बड़ी मात्रा में नकद लेन-देन जमीनों की खरीद-फरोख्त में हुआ है। फिलहाल यहां पर कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग करेगा।

इसके लिए सीआईडी ने मामला दर्ज किया है। हालांकि जांच में अभी तक टीडीपी सरकार के दो मंत्रियों का नाम इस घोटाले में आया है। पी. नारायण और पी पुल्ला राव के खिलाफ एक महिला द्वारा कथित रूप से आरोप लगाया गया कि दोनों ने उसकी जमीन खरीदी थी।