पंजाब के अमृतसर के जोड़ा फाटक इलाके में हुए रेल हादसे के अगले दिन स्थानीय विधायक नवजोत सिंह सिद्धू पूरी तरह बैकफुट पर नजर आए। उन्होंने शुक्रवार की घटना के बाद उनकी पत्नी नवजोत कौर के मौके से चले जाने के आरोपों पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा, 'ये आरोप गलत हैं, मेरी पत्नी मरीजों के साथ थी, रात में उनसे बात हुई थी। हादसे का पता चलने पर वह फौरन अस्पताल पहुंची।' 

इस बीच, सिद्धू शनिवार को अमृतसर पहुंचे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ नजर आए। सीएम अमरिंदर ने भी उनका बचाव किया। उन्होंने कहा कि घटना को लेकर सिद्धू भी उतने ही दुखी हैं, जितना कोई और।  जब उनसे पूछा गया, "नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि ये परमात्मा का प्रकोप है, क्या ये उन लोगों के जख्मों पर नमक लगाने जैसा नहीं है जिन्होंने इस हादसे में अपना सबकुछ खो दिया है?"

इसके जवाब में कैप्टन ने कहा, ये एक दुखद हादसा है, ऐसा हम सब मानते हैं। हो सकता है कि इन्होंने अलग तरीके से कहा हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि सिद्धू ने हमसे अलग कुछ कहा है। सभी को दुख हुआ है, पूरे हिंदुस्तान को दुख हुआ है...मिनिस्टर साहब को भी दुख हुआ है...लफ्ज कुछ और रहे...इसका ये मतलब नहीं है कि इनका कहना कुछ और था। 

हालांकि अस्पताल के बाहर सीएम और सिद्धू को लोगों के नाराजगी का सामना करना पड़ा। इस बीच, कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिनमें सिद्धू की पत्नी जोड़ा फाटक के पास हुए भीषण हादसे के बाद दशहरा आयोजन स्थल से जाते हुए दिख रही हैं। यह वीडियो किसी चश्मदीद द्वारा बनाया गया है। वहीं सिद्ध परिवार यह साबित करने में लगा है कि इस हादसे के लिए उनको दोषी नहीं ठहराया जा सकता। हालांकि तथ्य कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सिद्धू की पत्नी के चलते ही कार्यक्रम में दो घंटे की देरी हुई। 

'माय नेशन' ने जमीनी हकीकत जानने के लिए घटनास्थल के आसपास रहने वाले लोगों से बात कही। पुतला दहन आयोजन स्थल के साथ लगे घर में रहने वाली एक महिला नवजोर कौर को घटना के लिए सीधे जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, 20 साल से यहां पुतला दहन हो रहा है। पिछले साल नहीं हुआ। रावण दहन पांच से सवा पांच बजे होना था। लेकिन इसे दो घंटा लेट कर दिया गया।

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माय नेशन' को मिले एक पत्र से यह पता लगता है कि आयोजकों ने सूबे के कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर के आने की सूचना पुलिस को देते हुए सुरक्षा के विशेष उपाय करने की मांग की थी। स्थानीय लोगों ने खुलासा किया है कि उनकी सुरक्षा के लिए पहुंचे पुलिसकर्मी दोनों के जाने के साथ ही घटनास्थल से चले गए। वहीं एक बयान में नवजोत कौर ने घटना के लिए पीड़ितों को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि लोग रेलवे ट्रैक पर बैठकर सेल्फी ले रहे थे।

उधर, जब 'माय नेशन' ने घटनास्थल पर खानापूर्ति के लिए पहुंचे सूबे के मुखिया अमरिंदर सिंह से उनके सिद्धू का बचाव करने के बारे में पूछा तो वह भड़क गए। वह तीस सेकेंड में भी घटनास्थल से चले गए। 

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