नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थिति विश्व प्रसिद्ध जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस अब नेताओं के लिए राजनैतिक अखाड़ा बन गया है। जेएनयू कैंपस के बाद राजनैतिक दलों के नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। इस मामले में अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी भी छात्रों के पक्ष में मैदान में उतर गए हैं।

जेएनयू में रविवार शाम छात्रों के गुटों में जमकर मारपीट हुई। इसमें दोनों पक्षों के करीब तीन दर्जन से ज्यादा छात्र घायल हो गए और कई छात्रों को गंभीर चोटें आई और जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक एक दर्जन से ज्यादा छात्र गंभीर तौर पर घायल हैं और अस्पताल में इनका इलाज चल रहा है। घायलों में जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष आईशी घोष भी शामिल हैं और जिन्हें ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वहीं एक शिक्षक को भी गंभीर तौर पर घायल बताया जा रहा है।

गौरतलब है कि नकाब पहने युवकों ने जेएनयू में घुसकर पत्थरबाजी की और छात्रों पर लाठियों से किया हमला किया। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक चार दर्जन से ज्यादा युवकों की भीड़ जेएनयू कैंपस में घुसी और वहां पर उन्होंने छात्रों पर हमला कर दिया। इन युवकों ने हास्टल में जाकर जमकर तोड़फोड़ की और छात्रों के साथ मारपीट कर घायल कर दिया। हालांकि इस बीच बचाव में आए एक शिक्षक भी इन मारपीट करने वाले छात्रों के निशाना बने। फिलहाल घायल छात्रों को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं जेएनयू छात्रसंघ ने मारपीट व तोड़फोड़ के लिए भाजपा के अनुवांसिक संगठन एबीवीपी पर आरोप लगाया है। जबकि एबीवीपी ने इसमें लेफ्ट समर्थित छात्र गुटों का हाथ बताया है।

हालांकि जेएनयू में कई दशकों से वाम दलों के छात्र गुटों का ही कब्जा है। अब इस घटना के बाद जेएनयू के छात्रों ने आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय का घेराव किया। हालांकि जेएनयू पिछले कई दिनों से चर्चा में है। क्योंकि यहां पर छात्रसंघ समेत आम छात्रों फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं।  इसका विरोध जताते हुए छात्रों ने दिसंबर में होने वाली सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार कर दिया था। फिलहाल इस जेएनयू में हुए हमले पर राजनैतिक शुरू हो गई है। कांग्रेस ने बगैर किसी सबूत के भाजपा पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। वहीं इस मामले में कांग्रेस महासचिव और राहुल गांधी छात्रों के पक्ष में उतर आए हैं। वहीं भाजपा नेता ने भी इसकी निंदा की है।