रिलायंस कॉम्युनिकेशंस ने स्वीडन की टेलिकॉम इक्विपमेंट कंपनी एरिक्सन को 462 करोड़ रुपये दे दिए हैं। इसके साथ ही उसके चेयरमैन अनिल अंबानी जेल जाने से बच गए। 

अगर यह भुगतान नहीं हो पाता तो अनिल अंबानी को तीन महीने सजा होती। एरिक्सन के वकील ने भुगतान प्राप्त होने की पुष्टि कर दी है।

 सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक बकाया भुगतान के लिए आखिरी तारिख 19 मार्च थी। आरकॉम पहले ही एरिक्सन को 118 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है। 

इस भुगतान के लिए दोनों कंपनियों के बीच 1 साल से कानूनी लड़ाई चल रही थी। कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि अगर अनिल अंबानी पैसा नही चुकाते है तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। 
अनिल अंबानी के खिलाफ एरिक्सन कंपनी ने 550 करोड़ रुपए बकाया राशि को कोर्ट के आदेश के बावजूद न चुकाने के मामले में अवमानना याचिका दायर की थी।

 दुष्यंत दवे ने यह भी कहा था कि ये अवमानना का साधारण सा केस नहीं है बल्कि एक असाधारण मामला है। ये (अनिल अंबानी) एक असाधारण व्यक्ति हैं। जिन्हें देश के बेहतरीन वकील और अच्छे सलाहकार अपनी सलाह दे रहे हैं। 

जबकि अनिल अंबानी की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा था कि अदालत के आदेशों की अवमानना नहीं हुई है। न ही जानबूझ कर अदालत के आदेश को नकारने का प्रयास अनिल अंबानी ने किया है। अनिल अंबानी की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने ने कहा था कि आरकॉम एक आप लोगों से जुड़ी हुई कंपनी है। 

जिसके लाखों शेयर होल्डर है। ऐसे में न तो किसी एक डायरेक्टर को और न ही पूरे ग्रुप को एड कंपनी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। किसी एक कि जिम्मेदारी इस कंपनी की नही है। जो अंडरटेकिंग दी गई थी वो शर्तो पर आधारित थी। अनिल अंबानी ग्रुप किसी भी अवमानना का भागी नहीं हो सकते। कोई नहीं चाहेगा कि उसकी कंपनी दिवालिया हो जाये। 

लेकिन आज भुगतान के बाद दोनो कंपनियों के बीच के विवाद का पटाक्षेप हो गया है।