नई दिल्ली/हैदराबाद।

लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के साथ ही कांग्रेस को तेलंगाना में एक बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के एक विधायक ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए राज्य के सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी टीआरएस का दाम थाम लिया है। राज्य में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाली बी. हरिप्रिया कांग्रेस की चौथी विधायक हैं, जिन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है।

पिछले दो महीने के दौरान कांग्रेस में विधायक और नेता पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं। तेलंगाना में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है। पिछले दिनों तीन विधायक कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं और हरिप्रिया चौथी विधायक हैं जिन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। विधायक बी. हरिप्रिया ने घोषणा की कि वह सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति टीआरएस में शामिल होंगी। तेलंगाना ही नहीं बल्की आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के विधायक पार्टी से इस्तीफा दे रहे हैं और टीएसआर कांग्रेस को ज्वाइंन कर रहे हैं। इस महीने टीआरएस में शामिल होने वाली वह कांग्रेस की चौथी विधायक हैं। हरिप्रिया भद्राद्रि कोठागुडम जिले की येल्लांडु सीट से विधायक हैं।

हरिप्रिया ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर वह विधानसभा से इस्तीफा देंगी और टीआरएस के टिकट पर फिर से चुनाव लड़ेंगी। इसके पहले रेगा कांता राव और अत्राम सक्कू दो मार्च को टीआरएस में शामिल हो गए थे। दोनों विधायक जनजातीय समुदाय से हैं। हरिप्रिया के पार्टी छोड़ने के बाद 119 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या 15 रह जाएगी। हरिप्रिया का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है। उधर कल ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता सबिता इंदिरा रेड्डी ने टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव से मुलाकात की।  

रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश में वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की कैबिनेट में गृहमंत्री का पदभार संभाल चुकीं हैं। रेड्डी के भी कांग्रेस छोड़ने की उम्मीद की जा रही है। ऐसा कहा जा रहा है कि रेड्डी ने शर्त रखी है कि या तो उन्हें या उनके बेटे पी. कार्तिक रेड्डी को चेवेल्ला लोकसभा सीट से उतारा जाए। हालांकि इस मामले में टीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव उनकी मांग पर अंतिम फैसला लेंगे। जाहिर है चुनाव से पहले कांग्रेस के कई और नेता पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं।