पाकिस्तान के सिंध सूबे में अल्पसंख्यक हिंदुओं का जीवन मुहाल हुआ जा रहा है। वहां नाबालिग लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के समक्ष हिंदू संगठनों ने न्याय की गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक कोई ठोक कार्रवाई होती नहीं दिखी है। पाकिस्तान के सिंध सूबे के हैदराबाद में एक और नाबालिग लड़की के अपहरण की घटना सामने आई है। यह लड़की भी पिछले दो मामलों की तरह नाबालिग है। उसकी उम्र महज 14 साल है। 

‘माय नेशन’ को पाकिस्तान में मौजूद सूत्रों से पता चला है कि लड़की के परिजन लगातार इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों ने अभी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। जिस लड़की का अपहरण हुआ है, उसकी पहचान सोनिया भील के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि उसका अपहरण होली के बाद शनिवार अथवा रविवार को किया गया। यह घटना सिंध सूबे के हैदराबाद जिले के टंडो यूसुफ पुलिस स्टेशन के अंर्तगत आने वाले उपखंड में हुई है। सूत्रों के अनुसार, नाबालिग लड़की के परिजनों की ओर से शिकायत दिए जाने के बावजूद अभी तक जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है। पीड़ित लड़की को बचाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

यह घटना सिंध के गोटका जिले से रवीना (13) और रीना (15) नाम की दो नाबालिग लड़कियों के अपहरण के कुछ दिन बाद हुई है। दोनों का होली से एक दिन पहले अपहरण हुआ था और उनकी जबरन शादी कर इस्लाम कबूल करवाया गया। 

इसके बाद एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक मौलवी दोनों का निकाह करवा रहा है। अपहरण के बाद जबरन धर्मांतरण के मामले ऐसे समय में सामने आ रहे हैं जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने यहा अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का दम भर रहे हैं। उनका दावा है कि यह नया पाकिस्तान है। 

हाल ही में इमरान खान ने ट्वीट करते हुए कहा था, ‘यह कायदेआजम का नया पाकिस्तान है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यहां अल्पसंख्यकों के साथ बराबरी का व्यवहार किया जाए। न कि वैसा जैसा भारत में होता है।’ सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। 

इससे पहले, भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपरहण की घटनाओं को लेकर पाकिस्तान में भारत के उच्चायोग से रिपोर्ट तलब की थी। 

इसे लेकर सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद हुसैन के बीच ट्विटर पर गरमागरमी भी हुई थी। खास बात यह है कि फवाद ने अपने देश का नाम ही गलत लिखा था। उनके ट्वीट में Pakistan की जगह  ‘Pakistin’ लिखा हुआ था। 

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘मोहतरमा यह पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है। यह मोदी का भारत नहीं है जहां अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होता है। यह इमरान खान का नया पाकिस्तान है, जहां हमारे झंडे का सफेद रंग भी हमें उतना ही अजीज है। उम्मीद है कि जब भारत में अल्पसंख्यकों की बात होगी तो आप तत्परता से कुछ करेंगी।’