हिज्बुल के आतंकवादी मन्नान वानी के कश्मीर में मारे जाने के बाद अलीगढ़ में उसका नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश की गई। लेकिन कुछ सीनियर छात्रों की मदद से एमएमयू प्रशासन ने इसे नाकाम कर दिया।         

एएमयू यानी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक बार फिर से सुर्खियों में है। यहां कुछ कश्मीरी छात्रों ने निष्कासित छात्र और आतंकवादी मन्नान वानी की नमाज़-ए-जनाज़ा पढ़ने की कोशिश की। लेकिन एएमयू प्रशासन ने इसे नाकाम कर दिया।

एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन को गुरुवार की शाम खबर मिली, कि कुछ कश्मीरी छात्र केनेडी हाल के पास एकत्र हुए हैं और वे वानी की नमाज-ए-जनाज़ा पढ़ना चाहते हैं। इस पर विश्वविद्यालय के सुरक्षा स्टाफकर्मी मौके पर पहुंचे। उधर एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने भी हस्तक्षेप किया और छात्रों को यह नमाज पढ़ने से रोका।

छात्र नेताओं ने कहा कि एक आतंकवादी के जनाजे की नमाज पढ़ना स्वीकार्य नहीं है और कश्मीरी छात्रों को ऐसा नहीं करने दिया जाएगा। एएमयू सुरक्षा स्टाफ ने भी कश्मीरी छात्रों को रोका। इस पर दोनों गुटों के बीच तीखी बहस भी हुई, लेकिन कुछ देर बाद कश्मीरी छात्र वहां से चले गये।

किदवई ने कहा कि एएमयू प्रशासन का स्पष्ट मानना है कि वह किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि अवैध तरीके से भीड़ जमा करने के आरोप में विश्वविद्यालय के तीन छात्रों को निलम्बित कर दिया गया है।

आतंकी की नमाज-ए-जनाजा का विरोध करने वाले छात्रों का कहना था, कि परिसर के अंदर राष्ट्रद्रोह या आतंकवाद किसी भी हाल में सहन नहीं किया जाएगा। दहशतगर्दों के समर्थन का कोई भी कार्यक्रम विश्वविद्यालय परिसर में नहीं होने दिया जाएगा।

इस बीच, अलीगढ़ से भाजपा के सांसद सतीश गौतम ने आतंकवादी अब्दुल मन्नान वानी की नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश करने वाले छात्रों को एएमयू से निष्कासित करने की मांग की है। उन्होंने आतंकी के लिए नमाज पढ़ने से रोकने के लिये एएमयू छात्र संघ की सराहना भी की।

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लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने आतंकवादी मन्नान का समर्थन करने वाले छात्रों के बारे में सारी जानकारियों को छिपा लिया है। बहुत कोशिश करने के बाद भी आतंकवाद समर्थक छात्रों के बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो पाई। 
हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकवादी मन्नान वानी गुरुवार को कश्मीर के हंदवाड़ा में सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारा गया था। वह एएमयू में पीएचडी का छात्र था। पिछली जनवरी में उसने सोशल मीडिया पर एके-47 रायफल के साथ अपनी तस्वीर डाली थी, जिसके बाद उसे विश्वविद्यालय से निकाल दिया गया था।