नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैक का अरबों रुपये लेकर देश से फरार हुए आर्थिक भगोड़े मेहुल चोकसी की नागरिकता अब एंटीगुआ सरकार रद्द करेगी। इसे केन्द्र की मोदी सरकार की बड़ी जीत माना जा रहा है। हालांकि कुछ दिन पहले ही चोकसी ने कहा था कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसके कारण वह भारत नहीं आ रहा है। फिलहाल एंटीगुआ सरकार ने कहा कि वह किसी अपराधी को संरक्षण नहीं दे सकते हैं।

पीएनबी घोटाले का आरोपी और वर्तमान में एंटीगुआ में रह रहे मेहुल चोकसी की नागरिकता अब वहां की ही सरकार रद्द करेगी। इसके लिए एंटीगुआ सरकार ने फैसला किया है। कुछ महीने पहले ही चोकसी ने वहां की नागरिकता ली थी और उसे लग रहा था कि वह भारत में चल रहे मामलों में बच जाएगा। लेकिन आज ही उसे इस मामले में बड़ा झटका लगा है। क्योंकि सरकार द्वारा उसकी नागरिकता रद्द करने के फैसले के बाद जल्द ही उसे भारत प्रत्यर्तित किया जा सकता है।

हालांकि केन्द्र की मोदी सरकार ने इसके लिए एंटीगुआ सरकार से लगातार बातचीत का दौर जारी रखा था। पिछले दिनों ही चोकसी ने कहा था कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। लिहाजा वह भारत वापस नहीं आ सकता है। लेकिन भारतीय एजेंसियों ने कहा था कि अगर उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है  वह एयर एंबुलेंस के जरिए चोकसी को वापस ला सकते हैं।

बहरहाल ये बात साफ हो गयी है कि पीएनबी बैंक के घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी के प्रत्‍यर्पण को लेकर भारत सरकार का दबाव अब काम आया है। एंटीगुआ सरकार ने साफ किया है कि वह किसी भी अपराधी को अपने देश में शरण नहीं दे सकते हैं। लिहाजा चोकसी की नागरिकता रद्द कर दी जाएगी और उसे भारत को सौंप दिया जाएगा। गौरतलब है कि चोकसी पंजाब नेशनल बैंक का अरबो रुपये लेकर फरार है।

चौकसी के साथ ही उसका रिश्तेदार नीरव मोदी भी ब्रिटेन की जेल में है और वहां की अदालत में इसे भारत भेजने का मामला चल रहा है। अभी तक कोर्ट ने इसकी जमानत अर्जी खारिज की है। चोकसी के बारे में एंटीगुआ के पीएम का कहना है कि जब चोकसी को नागरिकता दी गई थी तब उसने कहा था कि उस पर कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं है।