नई दिल्ली।  कांग्रेस के संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। गांधी परिवार के विरोध में खड़े नेताओं को दरकिनार कर करीबी नेताओं को अहम पदों पर नियुक्त किया है। वहीं माना जा रहा है कि कांग्रेस में पूर्ण कालिक अध्यक्ष के लिए राहुल गांधी को कमान  सौंपे जाने  की तैयारी है और ये सारी कवायद इसकी सिलसिले में की गई है। राहुल गांधी के करीबी नेताओं में शुमार दिग्विजय सिंह, सलमान खुर्शीद और तारिक अनवर को अहम पदों पर नियुक्त किया गया है।  जबकि सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर और वीरप्पा मोइली जैसे असंतुष्ट नेताओं संगठन के अहम पदों से बाहर किया गया है।

असल में कुछ दिनों पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद कांग्रेस में दो गुट बन गए थे। एक गुट गांधी परिवार के वफादारों का था और दूसरा गुट कांग्रेस में लोकतंत्र की वकालत करने वाला था।  इसके बाद से ही पार्टी में सभी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। वहीं कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो दिन  पहले ही संगठन और पार्टी की कार्यसमिति के सदस्यों में बदलाव और फेरबदल किए।  असल में सोनिया ने अपने विरोधियों को इसके जरिए किनारे किया।  पार्टी में विरोध नेताओं के गुट के नेता गुलाम नबी आजाद को पार्टी ने पूरी तरह से संगठन से बाहर कर दिया है। वहीं राज्यसभा में उनकी ताकत को भी कम कर दिया है।  सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद को महासचिव के पद से हटा दिया है वहीं राज्यसभा में लिए जाने वाले फैसलों के लिए समिति का गठन कर दिया है।

वहीं कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी ने कुछ नेताओं को छोड़कर असंतुष्ट नेताओं को किनारे किया है। इन नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को खत लिखकर पार्टी संगठन में बदलाव की मांग की थी। वहीं सोनिया  गांधी ने राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले रणदीप सिंह सुरजेवाला और जितेंद्र सिंह वरिष्ठ नेता तारिक अनवर को महासचिव नियुक्त कर इस बात के संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में राहुल गांधी को कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया जा सकता है। इसके साथ ही राहुल के विश्वस्त मधुसूदन मिस्त्री को चुनाव समिति  का अध्यक्ष बनाया गया है जबकि पूर्व केन्द्रीय नेता पवन कुमार बंसल और राजीव शुक्ला की पार्टी संगठन में वापसी हुई है। जबकि दिग्विजय सिंह को भी कांग्रेस कार्यसमिति में जगह मिली है।