आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि उसके खिलाफ भारत की रणनीति को समय-समय पर बदलने की जरूरत रहती है और सेना ऐसा ही कर रही है। अगर पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी तरह की रणनीति को ज्यादा देर तक अपनाया जाता है तो दुश्मन देश उसे समझ जाता है, इसलिए हम समय-समय पर रणनीति बदलते रहते हैं।

सोमवार को पंजाब के पठानकोट में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सेना के पहली प्राथमिकता यह है कि कश्मीरी युवा आतंकवाद का दामन ना थामे। फिर भी कोई युवा आतंकी संगठन में शामिल होता है तो हम उसे आत्मसमर्पण का मौका देंगे लेकिन उन्हें एक बात याद रखनी होगी कि बंदूक उठाकर वह ज्यादा देर जीवित नहीं रह सकते। 

आतंकी संगठनों को चेतावनी देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि अब समय आ गया है कि जैसे को तैसे की रणनीति से आगे बढ़कर उससे भी करारा जवाब दिया जाए।


जनरल रावत ने पाकिस्तान के विरुद्ध एक बड़े ऑपरेशन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हमारी तरफ से बहुत कुछ हो रहा है लेकिन हम इस बात का ढोल नहीं बजाना चाहते।

 जवानों को सीमापार से स्नाइपर द्वारा निशाना बनाने की घटनाओं पर सेना प्रमुख ने कहा कि हमारे पास पाकिस्तान से ज्यादा घातक स्नाइपर पर हैं। जो अपना काम कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा, जो लोग यह कह रहे हैं कि बातचीत नहीं हो रही है, उन्हें समझ लेना चाहिए कि भारत सरकार ने दिनेश्वर शर्मा को बातचीत के लिए ही कश्मीर में भेजा है।

 अगर वह समझते हैं कि देश का मुखिया खुद आकर उनसे बात करेगा तो ऐसा नहीं होने वाला है। 

सेना प्रमुख ने कहा कि आतंकी संगठन चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने का हमेशा से प्रयास करते रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में पंचायत चुनाव और नक्सल प्रभावित इलाकों में होने वाले चुनाव के नतीजे ऐसे संगठनों के लिए एक कड़ा संदेश साबित होंगे।

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एक सवाल का जवाब देते हुए सेना प्रमुख ने कहा, पाकिस्तान कितने आतंकियों को भेजता है, इससे सेना को कोई फर्क नहीं पड़ता चाहे इनकी तादाद 10000 भी क्यों न हो। सेना का काम यह सुनिश्चित करना है कि आतंकी सीमा के इस ओर न आ पाएं।

पंजाब में बढ़ते कट्टरवाद और आतंकी संगठनों के पंजाब में सक्रिय होने के सवाल पर जनरल रावत ने कहा कि वहां के लोग किसी भी देश विरोधी ताकत को सफल नहीं होने देंगे। कट्टर सिख संगठन "सिख्स फॉर जस्टिस" द्वारा आर्मी चीफ को धमकी पर जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सेना प्रमुख बदलते रहते हैं लेकिन आतंकवाद के खिलाफ देश की रणनीति नहीं।