नई दिल्ली। पाकिस्तान में सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के खिलाफ सात कमांडरों ने बगावत कर दी है। सेना के इन सात कमांडरों ने बाजवा को छह महीने के सेवा विस्तार पर अपनी मुहर लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बाजवा के खिलाफ मोर्चा खोला है। लिहाजा पाकिस्तान में सेना में एक तरह से बगावत मानी जा रही है। इससे बाजपा और इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं।  इसके कारण पाकिस्तान में हालत और ज्यादा खराब हो सकते हैं।

असल में पिछले हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने बाजवा को छह महीने की सेवा विस्तार पर अपनी मुहर लगाई थी। जबकि इमरान खान सरकार ने बाजवा को तीन साल का सेवा विस्तार दिया था। इमरान खान सरकार के खिलाफ सेना में आवाज तो उठ रही थी लेकिन डर के कारण कोई मुंह नहीं खोल रहा था। बाजवा तीस नवंबर को  रिटायर हो रहे थे और इसके कुछ दिन ही पहले सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने के विस्तार पर अपनी मंजूरी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद सेना के कमांडरों को आस की उम्मीद थी।

क्योंकि बाजवा को सेवा विस्तार कई अफसरों की वरिष्ठता को दरकिनार कर दिया गया था। जिसके खिलाफ आवाजें उठ रही थी। मौजूदा लेफ्टिनेंट जनरल और वरिष्ठता सूची में बाजवा से ऊपर सत्तार ने नियम के उल्लंघन से नाराज होकर इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि उनकी बावजा के साथ बहस भी हो गई थी। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के सातों जनरलों ने बाजवा का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाने का विरोध किया है। विरोध करने वालों में एक अफसर भारत में भी तैनात रह चुका है।

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना के मुल्तान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सरफराज सत्तार चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर हैं। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल नदीम राजा, लेफ्टिनेंट जनरल हुमायूं अजीज, लेफ्टिनेंट जनरल नईम असरफ, लेफ्टिनेंट जनरल शेर अफगान और लेफ्टिनेंट जनरल काजी इकराम ने भी बाजवा को दिए गए सेवा विस्तार का विरोध किया है। सात अफसरों में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल बिलाल अकबर वरिष्ठता सूची में सातवें स्थान पर हैं।