जब भारत में पहली बार सेना का निर्माण किया गया था तो उस समय 2 लाख सैनिक थे।
सेना दिवस, भारत में हर वर्ष 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट जनरल (बाद में फ़ील्ड मार्शल) के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उन्होंने 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार ग्रहण किया था। यह दिन सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों व अन्य आधिकारिक कार्यक्रमों के साथ नई दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन उन सभी बहादुर सेनानियों को सलामी दी जाती है जिन्होंने कभी ना कभी अपने देश और लोगों की सलामती के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर कर दिया।
15 अगस्त 1947 में जब हमारा देश भारत स्वतंत्र हुआ, तो देश भर में दंगे-फसाद का माहोल बना हुआ था और पूरा माहौल उथल-पुथल हुआ पड़ा था। इसी माहौल को नियंत्रण में लाने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। इसी दौरान एक विशेष सेना कमांड का निर्माण किया गया, ताकि देश में शांति-व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
लेकिन जब भारत में पहली बार भारतीय सेना बनाई गई थी तो उसके अध्यक्ष ब्रिटिश मूल के ही थे। लेकिन 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करिअप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे।
उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। उनसे पहले यह पद कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर के पास था। उसके बाद से ही हर वर्ष 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है।
Last Updated Jan 15, 2019, 1:18 PM IST