नई दिल्ली। भाजपा के दिग्गज नेता और केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली आज पंचतत्व में विलीन हो गए। निगमबोध घाट पर उनके बेटे रोहन ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इससे पहले सुबह उनके निजी आवास से पार्थिव शरीर भाजपा मुख्यालय में ले जाया गया। जहां हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और जनता ने अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा भाजपा मुख्यालय से निकाली गई और फिर निगम बोध घाट में उनका दाह संस्कार किया गया।

आज भाजपा मुख्यालय में कई मंत्रियों और नेताओं ने अरुण जेटली को दी श्रद्धांजलि। उनके पार्थिव शरीर को फूलों से सजी तोप गाड़ी में अंतिम संस्कार स्थल पर ले जाया गया। इससे पहले भाजपा मुख्यालय में सैकड़ों लोगों ने कतार में लगकर जेटली को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। भाजपा कार्यालय में ‘जब तक सूरज चांद रहेगा जेटली तेरा नाम रहेगा’ जैसे नारे गूंजे।

भाजपा के संकटमोचक माने जाने वाले अरूण जेटली की अंतिम विदाई में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री, योग गुरु बाबा रामदेव और विपक्ष के कई दिग्गज नेता शामिल हुए और सभी ने अपने प्रिय अरूण जेटली को  नम आंखों से विदाई दी।

हालांकि विदेश यात्रा में होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अरुण जेटली के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए। लेकिन कल ही उन्होंने शोकाकुल जेटली परिवार से फोन पर बात की। लेकिन अरूण जेटली के परिजनों ने उन्हें बीच में यात्रा न छोड़ने की बात कही।

वहीं बहरीन में पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं यहां इतनी दूर हूं और मेरा दोस्त अरुण चला गया। पीएम नरेन्द्र मोदी और अरूण जेटली में अच्छी दोस्ती थी और वह जेटली को बहुत सम्मान देते थे। अरूण जेटली के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर उनके कैलाश कॉलोनी स्थित आवास से दीन दयाल उपाध्याय स्थित भाजपा मुख्यालय लाया गया।

जहां केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और वरिष्ठ पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर और आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह भी जेटली को श्रद्धांजलि देने को वहां पहुंचे थे। भाजपा मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ता उनके अंतिम दर्शन करने और श्रद्धांजलि देने के लिए कतार में खड़े थे। 

अब बस यादों में ही अरूण जेटली

दिल्ली विश्वविद्यालय से छात्रसंघ की राजनीति से देश की राजनीति के शिखर पुरूष बने जेटली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील भी थे। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी केंद्रीय मंत्री रहे थे। वह देश के बड़े वकीलों में शुमार थे और भाजपा के लिए संकटमोचक माने जाते थे। जब भी संसद में भाजपा किसी मुद्दे पर उलझी उसको सुलझाने का श्रेय अरूण जेटली को ही जाता है।