आम आदमी पार्टी यानी ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनकी पार्टी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 प्रतिशत कोटा देने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर केंद्र की नरेंद्र सरकार का समर्थन करेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने यह भी कहा है कि अगर मुद्दे पर केंद्र अपने कदम वापस खींचता है तो संविधान संशोधन विधेयक ‘महज एक चुनावी स्टंट’ होगा। 

लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा फैसला करते हुए सोमवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘सरकार को संसद के सत्र को बढ़ाना चाहिए और तुरंत संविधान संशोधन विधेयक लाना चाहिए। नहीं तो साफ हो जाएगा कि यह चुनाव के पहले का स्टंट है।’    

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सरकार ने चुनाव के पहले 10% आरक्षण का ‘स्वागत योग्य चुनावी जुमला’ छोड़ दिया है। सिंह ने ट्वीट किया, ‘आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लिये मोदी सरकार ने 10% आरक्षण का स्वागत योग्य चुनावी जुमला छोड़ दिया है, ऐसे कई फ़ैसले राज्यों ने समय-समय पर लिये लेकिन 50% से अधिक आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी क्या ये फैसला भी कोर्ट से रोक लगवाने के लिए एक नौटंकी है ?’

उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन विधेयक पारित करवाने के लिए सरकार विशेष सत्र बुलाए हम सरकार का साथ देंगे वरना ये फैसला चुनावी जुमला मात्र साबित होगा।

उधर, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को भाजपा ने सामाजिक न्याय की दिशा में ‘क्रांतिकारी एवं ऐतिहासिक’ कदम करार देते हुए कहा कि मोदी सरकार ने इस बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा करके दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया है।

भाजपा महासचिव अनिल जैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनके मंत्रिमंडल का आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10% आरक्षण प्रदान करने का यह निर्णय ऐतिहासिक और क्रांतिकारी है। अब इस फैसले के बाद समाज की अंतिम कतार में बैठे देश में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण परिवारों को भी सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।

भाजपा नेता एवं उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह फैसला ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र का परिचायक है। ऐसी मांग लंबे समय से की जा रही थी लेकिन कोई दूसरा राजनीतिक दल इसे पूरा करने की इच्छा शक्ति नहीं जुटा पाया। यह फैसला मोदी सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचायक है।