गुजरात कांग्रेस और विधानसभा से इस्तीफा देने के बाद सुर्खियों में आयी आशा बेन पटेल जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकती हैं। इसे आगामी लोकसभा चुनाव में पाटीदारों के बीच हार्दिक की काट के तौर पर देखा जा रहा है। आशा को हार्दिक का करीबी माना जाता है। जो कांग्रेस को राज्य में समर्थन दे रहे हैं और भाजपा के खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं। आशा बेन सवर्ण आरक्षण को लेकर नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी कर चुकी हैं। 

आशा बेन पटेल ने एक दिन पहले ही गुजरात कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। उन्होंने पार्टी की सदस्यता के साथ ही विधानसभा से भी इस्तीफा दिया था। ऐसा माना जा रहा है कि वह जल्द ही भाजपा का दामन थामेंगी और लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी। आशा बेन पटेल को भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हार्दिक पटेल का करीबी माना जाता है। जबकि हार्दिक को कांग्रेस का करीबी माना जाता है और कहा जा रहा है कि हार्दिक आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ सकते हैं या फिर कांग्रेस उन्हें पीछे से समर्थन दे सकती है। आशा बेन पटेल पटेलों के गढ़ कहे जाने वाले महेसाणा जिले के ऊंझा सीट की विधायक थीं। लेकिन उनके इस्तीफा के कारण कांग्रेस राज्य में पटेलों के बीच कमजोर होगी, लिहाजा पार्टी उन्हें हर हाल में सत्तारूढ़ भाजपा में जाने से रोकना चाहती है।

हालांकि आशा बेन पटेल का विधानसभा सीट से इस्तीफा तो स्वीकार हो चुका है और इससे कांग्रेस को विधानसभा में नुकसान तो ही रहा है। लेकिन आगामी चुनाव में भी पार्टी को भी जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ सकता है। कांग्रेस पूरी तरह से आशा बेन को भाजपा में जाने से रोकना चाहती है। लेकिन उनका भाजपा में शामिल होना तय है और पार्टी उन्हें हार्दिक के खिलाफ खड़ा करना चाहती है। विधानसभा चुनाव में हार्दिक ने कांग्रेस को समर्थन दिया था और जिसे कारण राज्य में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया। आशा बेन पटेल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के केंद्र के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी कर चुकी हैं।