-छत्तीसगढ़ पर अभी नहीं हो सका फैसला

लंबी मैराथन बैठक के बाद आखिरकार राजस्थान के मुख्यमंत्री के लिए अशोक गहलोत के नाम पर कांग्रेस आलाकमान ने मोहर लगा दी है। हालांकि गहलोत के साथ ही कांग्रेस ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री घोषित किया है। ऐसा कर कांग्रेस ने राज्य में चल रही गुटबाजी को खत्म कर दिया है। कांग्रेस आलाकमान का ये फार्मूला मध्य प्रदेश में लागू नहीं हो सकता है। हालांकि अभी तक छत्तीसगढ़ के लिए भी मुख्यमंत्री के नाम पर कांग्रेस में कोई आम सहमति नहीं बन पायी है।

आज सुबह से ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के घर पर कांग्रेस के बड़े नेताओं का जमावड़ा था। राहुल ने इन नेताओं से अलग अलग बातचीत की। हालांकि ये कहा जा रहा है कि सचिव पायलट मुख्यमंत्री के लिए आलाकमान पर दबाव बनाए हुए थे। लेकिन गहलोत की दावेदारी पर आलाकमान संतुष्ट था। गहलोत दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। जबकि सचिन पायलट का तर्क था कि उन्होंने चार साल राज्य में कांग्रेस को खड़ा करने और सत्ता में लाने में मेहनत की है।

हालांकि ये पहले ही माना जा रहा था कि कांग्रेस राज्यों में गुटबाजी को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री के साथ ही उपमुख्यमंत्री को भी नियुक्त करेगी। माय नेशन ने ये खबर पहले ही प्रकाशित कर दी थी कि कांग्रेस यूपी में बीजेपी के फार्मूले को तीन राज्यों में लागू कर सकती है। अब कांग्रेस अध्यक्ष ने अशोक गहलोत राजस्थान के सीएम होंगे और सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया है। पार्टी की तरफ से पर्यवेक्षक बनाकर भेजे गए केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 13  दिसंबर को विधायकों की मीटिंग के बाद कांग्रेस आलाकमान को रिपोर्ट सौंप दी गयी थी और उसी के आधार पर फैसला लिया गया है।

इसके बाद गहलोत ने कहा कि मैं राहुल गांधी और नवनिर्वाचित विधायकों का धन्यवाद देता हूं। हमारी पहली प्राथमिकता लोकसभा में अच्छा प्रदर्शन करने की होगी। हालांकि अभी तक कांग्रेस आलाकमान ने छत्तीसगढ़ को लेकर कोई फैसला नहीं किया है जबकि कल कांग्रेस ने कमलनाथ के मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद के लिए अपनी मोहर लगा दी थी। फिलहाल गहलोत के जयपुर स्थित आवास पर पटाखे जलाए जाने शुरू हो गये है। वहीं सचिन गुट के नेता भी काफी खुश हैं।