लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से सांसद आजम खान अपना किला बचाने में कामयाब रहे हैं। हालांकि इस बार जीत और हार का अंतर काफी कम रह गया है। रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव में आजम खान की सांसद पत्नी तंजीम फातिमा ने भाजपा के प्रत्याशी को हराया है। इस जीत के बाद ये तय है कि अब सपा में आजम का कद भी बढ़ेगा।

असल में इस सीट पर चुनाव आजम खान के रामपुर से सांसद चुने के बाद हुआ था। ये सीट आजम खान का किला मानी जाती है। अभी तक आजम खान इस सीट पर नौ बार विधायक रह चुके थे। लेकिन एक बार फिर ये सीट उनके घर में ही गई। पार्टी ने इस सीट पर आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा को उतारा था। असल में आजम इस सीट को घर में रखना चाहते थे। उन्हें डर था कि अगर किसी और को टिकट दिया गया तो पार्टी को हार का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा राज्यसभा सांसद तंजीम फामिमा को मैदान में उतारा गया। रामपुर में साठ फीसदी से ज्यादा मुस्लिम आबादी है।

हालांकि योगी सरकार आजम खान के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की थी और इसका असर भी देखने को मिला। क्योंकि जीत का अंतर काफी कम हो गया है। रामपुर में योगी सरकार के कई मंत्रियों ने चुनाव प्रचार संभाला था। लेकिन उसके बावजूद भाजपा आजम का किला ध्वस्त नहीं कर सकी। फिलहाल आजम खान पार्टी में और ज्यादा मजबूत हुए हैं। पहले तो वह सांसद चुने गए जबकि पार्टी के दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा और अब उन्होंने अपनी सियासी ताकत के बल पर पत्नी डॉ. तजीन फातमा को विधायक बना दिया है।

हालांकि इससे पहले वह अपनी पत्नी को राज्यसभा सदस्य बनवा चुके हैं। हालांकि इससे पहले जब 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला था, उस वक्त आजम खां न सिर्फ रामपुर में स्वयं की सीट निकाली जबकि स्वार से बेटे अब्दुल्ला आजम और चमरौआ से करीबी नसीर अहमद खां को भी चुनाव जिताने में कामयाब रहे थे।