समाजवादी पार्टी के रामपुर से सांसद आजम खान और उनके करीबी पुलिस अफसर के खिलाफ जमीन हड़पने के मामले में दर्ज आपराधिक रिपोर्ट के बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। आजम और पूर्व पुलिस अफसर पर किसानों को धमकाकर जमीन कब्जाने के मामले में नए खुलासे हुए हैं। जिसके बाद आजम खान और उनके करीबी अफसर की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। आजम खान पर रामपुर में कोसी नदी के किनारे किसानों की जमीन पर जबरन कब्जा करना का मुकदमा किया गया है।

शुक्रवार को ही योगी सरकार के आदेश पर राजस्व निरीक्षक ने आजम खान और रामपुर के तत्कालीन सिटी सीओ आलेहसन के खिलाफ मुकदमा किया था। ये मुकदमा रामपुर के अजीम नगर धाने में किया गया है। अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। क्योंकि जिन किसानों की जमीन को धमकी और धोखे के साथ हड़पा गया था वह अब खुलकर सामने आ गए हैं।

इन किसानों ने आरोप लगाया है कि पूर्व की एसपी सरकार के दौरान उनकी जमीन पर आजम खान ने 'जबरन कब्जा' कब्जा किया था। इस काम में तत्कालीन सीओ अलेहसन ने भी उनका पूरा साथ दिया। करीब दो दर्जन किसानों ने उन्हें गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखवाने का आरोप लगाया। किसानों का कहना है कि उन्हें कई दिनों तक पुलिस थाने में प्रताड़ित किया गया।

थाने में द्रर्ज रिपोर्ट के मुताबिक  आजम खां और उनके निकट सहयोगी पूर्व पुलिस उपाधीक्षक आलेहसन खान ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर एसपी नेता के मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की कई सौ करोड़ रुपये की जमीन को हड़पा।

एक न्यूज एजेंसी को रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि छब्बीस किसानों ने आजम खां और आलेहसन पर अवैध रूप से उन्हें हिरासत में रखने और उनकी कई हजार हेक्टेयर जमीन जाली कागजात के जरिए कब्जा करना का आरोप लगाया है। शर्मा का कहना है कि आलेहसन पर जमीन हड़पने की पुष्टि हुई है और इसी आधार पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

शर्मा का कहना है कि सभी पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। आजम खिलाफ अब राजस्व विभाग की मुख्य शिकायत के आधार बनाकर 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए जाएंगे। क्योंकि जमीन के मालिक अलग अलग हैं। जब न्यूज एजेंसी ने शर्मा से पूछा कि क्या उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि किसी भी समय हो सकता है और इसकी जांच चल रही है। आजम खान ने कोसी नदी के किनारे किसानों की 5,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया है। वह उस वक्त राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर थे।