नई दिल्ली। पाकिस्तान सेना के प्रमुख कमर जावेद बाजवा इमरान खान के लिए संकटमोचक बन गए हैं। हालांकि बाजवा कब तक कठपुतली प्रधानमंत्री को इमरान खान को बचाते रहेंगे। ये तो वक्त बताएगा। लेकिन मौजूदा दौर में बाजवा इमरान खान की मुश्किलें कम रहे हैं। बाजवा ने विपक्षी दल के नेता मौलाना फजलुर को आजादी मार्च न निकलाने की धमकी दी है। इससे विपक्षी दलों को सरकार को घेरने का मौका मिल गया है।

असल में पाकिस्तान में विपक्षी दल हमेशा से ही आरोप लगाते हैं कि सेना ने इमरान खान की सरकार बनाई। ये दावा विपक्षी दलों के साथ ही इमरान खान की दूसरी पत्नी भी लगाती रहती हैं। लेकिन अब इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान में आजादी मार्च निकाल रहे विपक्ष को बाजवा ने धमकी दी है कि वह आजादी मार्च को न निकाले। हालांकि इमरान खान ने पहले ही चेतावनी दी थी अगर विपक्ष देश का माहौल खराब करता है तो वह सेना की मदद लेंगे। लेकिन अब ये सच्चाई सामने आ रही है कि सेना इमरान खान की मदद कर रही है।

सेना प्रमुख ने जनरल कमर जावेद बाजवा जमीयत उलेमाए इस्लाम-फजल के नेता मौलाना फजलुर रहमान को धमकी दी है वह आजादी मार्च को इस्लामाबाद तक नहीं निकाले और इसमें विपक्षी दलों को शामिल न करे। बाजवा ने इस मार्च के सिलसिले में मौलाना फजलुर से मुलाकात की है। ये मुलाकात कुछ दिन पहले ही हुई थी। असल में फजल इमरान सरकार को सत्ता से हटाने के लिए ‘आजादी मार्च’ निकाल रहे हैं और इसके लिए उन्हें सभी विपक्षी दलों का साथ मिला है। पाकिस्तानी मीडिया से जो खबरें आ रही हैं। उसके मुताबिक बाजवा ने मौलाना फजलुर से कहा कि वह एक जिम्मेदार राजनेता हैं और देश के हालात बिगड़े हुए हैं। ऐसे में ये आजादी मार्च निकालना सही नहीं है।

बाजवा ने ये भी कहा कि इस वक्त दिन-रात एक कर देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का काम हो रहा है। ऐसे में उनका आजादी मार्च देश का माहौल खराब कर सकता है। बाजवा ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि स्थिरता कायम रखने के लिए यदि किसी की जान भी जाए तो, संविधान की इजाजत के साथ ऐसे भी कदम से पीछे नहीं हटा जाएगा। गौरतलब है कि फजलुर ने 30 अक्टूबर को आजादी मार्च निकालने का फैसला किया है। जिसके लिए उनकी पार्टी ने उन्हें इसके लिए अधिकृत किया है।