पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप पर वायुसेना के हवाई हमले के बाद सियासी दलों में इस बात को लेकर खींचतान हो रही है कि वहां कितने आतंकवादी मारे गए। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं और सरकार से सबूत देने की मांग की है। 

वायुसेना के इस पराक्रम पर छिड़े सियासी संग्राम के बीच खुफिया एजेंसियों की तकनीकी शाखा नेशनल टेक्नीकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (एनटीआरओ) के हवाले से एक बड़ा खुलासा किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि वायुसेना के हमले के समय बालाकोट के आतंकी कैंप में 300 मोबाइल फोन एक्टिवेट थे। सर्विलांस के मुताबिक, आतंकी कैंप में 300 मोबाइल फोन के ऐक्टिव होने की जानकारी ने सीधे तौर पर संकेत दिए हैं कि वहां कितने आतंकी थे। 

एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि वायु सेना को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के शिविर में हमले की अनुमति मिलने के बाद एनटीआरओ ने सर्विलांस शुरू किया था। 

उल्लेखनीय है कि वायु सेना के मिराज 2000 विमानों ने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक किया था। इस हमले में आतंकियों का यह कैंप जमींदोज हो गया था। सूत्रों ने यह भी बताया कि अन्य खुफिया एजेंसियों ने भी एनटीआरओ की इस जानकारी की पुष्टि की थी। हालांकि, आधिकारिक रूप से हवाई हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। 

इससे पहले, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कोयंबटूर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि हमें टॉरगेट को हिट करने का लक्ष्य दिया था जो सटीकता के साथ पूरा किया गया। उन्होंने कहा, 'हम टॉरगेट हिट करते हैं, लाशों को नहीं गिनते। हम सिर्फ यह देखते हैं कि टॉरगेट हिट किया है नहीं और हमने उसे हिट किया था।'