कोलकाता। कोलकाता में चल रहे अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले  में ममता बनर्जी सरकार ने हनुमान चालीसा के वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोलकाता पुलिस ने वीएचपी को पुस्तक मेले में हनुमान चालीसा का वितरण करने से रोका है इसके कारण विवाद हुआ। पुलिस का कहना है कि उन्होंने धार्मिक पुस्तक के वितरण पर आपत्ति जताई क्योंकि इसके कारण कानून और व्यवस्था की समस्या आ सकती है।

कोलकाता में पुलिसकर्मियों ने विहिप कार्यकर्ताओं को 44 वें अंतर्राष्ट्रीय कोलकाता पुस्तक मेले के दर्शकों के बीच 'हनुमान चालीसा' के वितरण को रोक दिया। जिसके बाद वहां पर विवाद की स्थिति रही। पुलिस का कहना है कि मेले में किसी भी भी धार्मिक पुस्तक का वितरण नहीं किया जाएगा। हालांकि विहिप का कहना है कि ये धार्मिक पुस्तक है और इसमें किसी भी तरह की आपत्तिपूर्ण सामग्री नहीं है। लेकिन ममता राज में हिंदूों की पुस्तक का विरोध किया जा रहा है। ये ममता सरकार की तुष्टीकरण की नीति का हिस्सा है।

वीएचपी के सदस्य स्वरूप चटर्जी ने कहा कि जब हमने यह जानना चाहा कि हनुमान चालीसा का वितरण क्यों नहीं किया जा सकता है, अगर अन्य संगठन कुरान और बाइबल का हवाला दे सकते हैं, तो हम क्यों हनुमान चालीसा की पुस्तक वितरित कर सकते हैं। तो पुलिस के पास कोई जवाब नहीं था। छात्रों के एक समूह ने सीएए के खिलाफ निष्पक्ष मैदान में रैली निकाली और शनिवार तक पुस्तक मेले में 600 से अधिक स्टालों से 14 करोड़ रुपये की किताबें बेची गईं।

विहिप का आरोप है कि ममता सरकार हिंदूओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए इस तरह के फैसले करती है। पिछले दिनों विवाह कार्यक्रम के दौरान भी ममता बनर्जी ने कार्यक्रम को प्लाप करने के लिए गुंडों को भेजा जबकि पुलिस वहां पर मूकदर्शक बनी हुई थी। टीएमसी के  गुंडों ने आकर वहां पर तोड़फोड़ की। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें रोका नहीं।