माओवादी कम्युनिस्ट नेता मुप्पाला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति का स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण नंबाला केशव राव को प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) का नया महासचिव बनाया गया है।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) की केंद्रीय समिति के एक लेटरहेड जिस पर समिति के प्रवक्ता अभय के हस्ताक्षर भी हैं, उसमें बताया गया है कि राव, जिन्हें वासवराजु भी कहा जाता है। उन्हें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के नए महासचिव के रूप में चुना गया है। यह चुनाव केंद्रीय समिति की पांचवीं बैठक में किया गया है।

माओवादियों के एक बयान में कहा गया कि 2004 से संगठन की अगुवाई करने वाले गणपति की स्वास्थ्य स्थिति खराब होने के कारण उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त नहीं समझा गया।

गणपति पूर्व में स्कूल शिक्षक थे। वे 1970 के दशक के आरंभ में माओवादी आंदोलन में शामिल हो गए थे और 1992 में आंध्र स्थित सीपीआई (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (पीपुल्स वार) के प्रमुख बने। सीपीआई (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (पीपुल्स वार) का 1998 में बिहार स्थित सीपीआई में विलय होने के बाद भी राव इसके प्रमुख बने रहे। इसके बाद 2004 में यह एकीकृत सीपीआई (एमएल) (पीडब्लू) बिहार स्थित माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर ऑफ इंडिया (एमसीसीआई) में मिल गया और इसका नया नाम सीपीआई (माओवादी) हो गया।

वामपंथी अतिवाद (एलडब्ल्यूई) पर काम कर रहे विशेषज्ञों का मानना है यह परिवर्तन माओवादी आंदोलन में एक नई ऊर्जा भरने के लिए किया गया है। जो राज्य और केंद्र सरकार के विकास एवं सुरक्षा बलों के कारण हासिये पर चला गया है।