त्रिपुरा के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के नाशा मुक्ति त्रिपुरा अभियान में बड़ी सफलता मिली। त्रिपुरा पुलिस ने दुर्गा पूजा से पहले ने ड्रग्स माफिया श्याम माणिक को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार श्याम से दक्षिणी रेंज के डीआईजी पूछताछ कर रहे हैं।

आपको बता दें की लेकिन सुदूर उत्तर-पूर्व का त्रिपुरा भी कुछ ऐसी ही समस्या का शिकार था, इस बात की किसी को कानोंकान खबर नहीं थी। त्रिपुरा में नशे की समस्या गहराती जा रही थी। त्रिपुरा में अभी हाल में लगभग तीन दशक पुराना वामपंथी पार्टी का शासन खत्म हुआ तो विप्लव देब ने राज्य को नशे से मुक्त कराने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया। 

नारकोटिक्स विभाग ने हेरोइन, गांजा और ब्राउन शुगर के साथ साथ कफ सिरप, नशीली टेबेलेट्स की भारी खेप पकड़ी थी। राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद नशीली वस्तुओं की जब्ती में आश्चर्यजनक बढ़ोत्तरी हुई है। 

9 मार्च 2018 को जब बिप्लब देब ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तब से लेकर अभी तक पुलिस ने भारी मात्रा में नशे में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं को जब्त किया है। 

ड्रग्स के खिलाफ इस जंग को पुलिस के आंकड़ों के नजरिए से देखें तो पता चलता है कि नशीले पदार्थों की जब्ती में 1541 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2017 में वामपंथी शासनकाल में त्रिपुरा में वामपंथी शासन

काल में ड्रग्स तस्करी के 83(तिरासी)  मामले दर्ज किए गए थे और 65(पैंसठ) लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। लेकिन पिछले छह महीने के बीजेपी के शासन काल में ड्रग्स तस्करी के 254 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि 234 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।