नई दिल्ली। भिखारी बन चुके पाकिस्तान ने एक बार फिर करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए गंदा खेल खेला है। उसने एक बार फिर अपना ही फैसला वापस लेते हुए उद्घाटन  के दिन दर्शन करने वाले गैर पाकिस्तानी तीर्थ यात्रियों से 20 डॉलर वसूलने का फैसला किया है। जबकि पहले पाकिस्तान सरकार ने साफ कहा था कि वह पहले दिन आने वाले तीर्थयात्रियों से दर्शन करने का टैक्स नहीं लेगी। तीर्थयात्रियों ने इसे पाकिस्तान का जजिया कर बताया है। 

असल में करतारपुर कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान लगातार अपना रुख बदल रहा है। गुरुवार को ही उसने कहा था कि प्रत्येक तीर्थयात्री को उसके पासपोर्ट के आधार पर दर्शन करने की इजाजत दी जाएगी। जबकि पहले इमरान खान ने वादा किया था कि करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए किसी पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। लेकिन कल ही पाकिस्तान की सेना ने इमरान के फैसले को बदलते हुए कहा कि यहां पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट अनिवार्य होगा।

लेकिन इस मामले में आज फिर पाकिस्तान ने नया आदेश लागू किया है। पहले पाकिस्तान ने नौ नवंबर को होने वाले उद्घाटन के मौके पर जाने वाले वीवीआईपी यात्रियों से टैक्स न लेने की बात कही थी वहीं अब उसका कहना है कि इन यात्रियों से भी टैक्स लिया जाएगा। गौरतलब है कि आम लोगों के लिए 10 नवंबर से कॉरिडोर को खोला जाएगा। जबकि उद्घाटन के दिन वीवीआईपी दर्शन करेंगे। इसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह, हरदीप पुरी, हरसिमरन कौर समेत पंजाब सरकार के कई मंत्री और विधायक शामिल हैं।

हालांकि टैक्स में छूट का ऐलान पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने किया था, लेकिन अब भी से पाकिस्तान रुख से पलटा है। वहीं कल पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा था कि हम अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते। लिहाजा दर्शन के लिए पासपोर्ट जरूरी होगा। हालांकि भारत सरकार ने साफ किया है कि पाकिस्तान से हुए करार के मुताबिक पासपोर्ट जरूरी है। लिहाजा हम उसी को सही कह सकते हैं। क्योंकि पाकिस्तान की सरकार हर बार अपनी बात को बदल रही है।