लखनऊ। कोरोना संक्रमण को लेकर कोई व्यक्ति कितना स्वार्थी हो सकता है इसका अंदाजा लखनऊ की इस घटना से पता चलता है। जहां एक पति ने अपनी कोरोना पॉजिटिव बेगम को पहचानने से इंकार दिया। इसके बाद महिला के परिजन महिला को अस्पताल से ले गए। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक पति ने एक गर्भवती पत्नी को पहचानने से इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि वह कोरोना पॉजिटिव थी।

महज डेढ साल में शौहर ने ये फैसला किया। असल में लखनऊ की एक महिला का शादी डेढ़ साल पहले हुई थी और इस शादी को डेढ़ साल हो गए थे और एक अब घर में छोटा मेहमान घर आने वाला था। लेकिन जब शौहर बेगम को डिलीवरी के लिए अस्पताल ले जाया गया, तो वहां जाकर पता चला कि बेगम पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है. तो इसके बाद शौहर अस्पताल से भाग गया और वह अकेले ही अस्पताल में रह गई। इसके बाद जब अस्पताल कर्मियों ने शौहर को फोन किया तो उसने बेगम को को पहचानने से इनकार कर दिया। वहीं, सिजेरियन सर्जरी में देरी के कारण बच्चे की मौत हो गई। इस दुखभरी घड़ी के बाद महिला आठ दिनों तक अस्पताल में रही और कोरोना की जंग जीतकर अपने मायके वापस चली गई। अब महिला का कहना है कि वह पति के खिलाफ अदालत का रुख करेगी। 


जानकारी के मुताबिक शहर के इंदिरानगर की रहने वाली हीना (24) का विवाद फरवरी 2019 में चंदन गांव के निवासी फकरुल के साथ हुआ था और 4 जुलाई को फकरूल उसे प्रसव पीड़ा के बाद लोहिया अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसकी कोरोना जांच की तो पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव है। इसके बाद से ही शौहर अस्पताल से गायब हो गया। अस्पताल प्रशासन ने भी महिला के पति को फोन गिया और इसके बाद महिला ने अपने पिता को फोन किया और पिता को जानकारी दी। इसके बाद महिला के पिता ने जब दामाद से बात की तो उसने साफ मना कर दिया कि उनका कोरोना के मरीज के साथ कोई संबंध नहीं है। इसके बाद महिला को लोकबंधु अस्पताल भेजा गया।