-जुझारू नेता और किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं बघेल

तीन दिन तक मुख्यमंत्री के नाम पर दुविधा में फंसी कांग्रेस ने आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के पद पर भूपेश बघेल के नाम पर अपनी रजामंदी दे दी। दो दिन से छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री के दावेदार दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे। लेकिन आज राजपुर में विधायकों की बैठक के बाद कांग्रेस आलाकमान ने उनके नाम पर अपनी मुहर लगाकर सभी कयासों को विराम दे दिया है।

छत्तीसगढ़ की अभी तक दौड़ में सबसे आगे चल रहे भूपेश बघेल के हाथों में कांग्रेस ने सौंपी है। हालांकि सीएम के पद को लेकर कई दावेदार थे। लिहाजा कांग्रेस किसी नेता को नाराज नहीं करना चाहती थी। अगले साल आम चुनाव होने हैं और ऐसे में किसी नेता के नाराज होने से पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है और इससे गलत संदेश भी जाता। लिहाजा स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद भी कांग्रेस वहां पर राज्य के मुख्यमंत्री के नाम पर अपनी सहमति नहीं दे सकी। छत्तीसगढ़ में भी ही नाम तय करने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को खूब मशक्कत करनी पड़ी।

छत्तीसगढ़ का फैसला काफी मुश्किल रहा, क्योंकि यहां दो नहीं, चार-चार दावेदार थे। आखिरकार बाजी भूपेश बघेल ने बाजी मारी। फिलहाल भूपेश बघेल राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर हैं। किसान परिवार से ताल्‍लुक रखने वाले भूपेश बघेल राजनीतिक गलियारे में अपने आक्रामक तेवर के लिए जाने जाते हैं। उन्हीं के नेतृत्व में पार्टी 90 सीटों में 68 सीटों को जीतने में कामयाब रही है। इस जीत का सेहरा बघेल के सिर ही बांधा जा रहा है।

आज सुबह राज्य कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में विधायक दल की बैठक शुरू हुई। क्योंकि कल ही राज्य के नेताओं की राहुल गांधी के साथ मुलाकात हुई थी। लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी। लिहाजा आज विधायको की बैठक बुलाने का फैसला किया गया। विधायक दल की बैठक से पहले आज सुबह भूपेश बघेल रायपुर पहुंचे।

इसके बाद टीएस सिंहदेव मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी रायपुर पहुंचे। इसके बाद विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान किया गया। शनिवार को राहुल गांधी के दिल्ली निवास पर हुई बैठक में भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत के साथ ही प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे।