12 साल पहले अपनी पत्नी को छोड़ 30 साल छोटी शिष्या के साथ 'लिव इन रिलेशन' को लेकर सुर्खियां बटोरने वाले 'लव गुरु' मटुकनाथ रिटायर हो गए हैं। 65 साल की आयु में न तो उनके पास पत्नी हैं और न ही वो जूली, जिसके लिए उन्होंने सारे जमाने से अदावत मोल ले ली थी। लेकिन अब भी उन्हें एक नई जूली की तलाश है। 

बुधवार को रिटायर होने के बाद पटना के प्रोफेसर मटुकनाथ ने अपनी आगे की योजनाओं को लेकर फेसबुक पर एक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा कि वह 2006 की तरह कुछ नया करना चाहते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट का शीर्षक है, 'चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी'। 

पोस्ट में मटुकनाथ ने लिखा है, 'मैं 65 वर्ष का लरिका हूं ! मेरी जवानी ने अभी अंगड़ाई ली है ! मेरे अंग-अंग से यौवन की उमंग छलक रही है ! जब मैं मस्त होकर तेज चलता हूं तो लोग नजर लगाते हैं ! दौड़ता हूं तो दांतों तले उंगली दबाते हैं।'

वह लिखते हैं, 'मेरी खुशनसीबी है कि इस चढ़ती जवानी में रिटायर हो रहा हूं ! लोग पूछते हैं कि रिटायरमेंट के बाद क्या कीजिएगा? चढ़ती जवानी में जो किया जाता है, वही करूंगा! मतलब ? मतलब यह कि मैं ब्याह करूंगा ! बरतुहार बहुत तंग कर रहे हैं ! उनकी आवाजाही बढ़ गई है ! लेकिन मैं एक अनुशासित, शर्मीला और परंपरा प्रेमी लरिका हूं ! इसलिए खुद बरतुहार से बात नहीं करता हूं। उन्हें गार्जियन के पास भेज देता हूं! मेरे विद्यार्थी ही मेरे गार्जियन हैं ! वे जो तय कर देंगे, आंख मूंदकर मानूँगा! उनसे बड़ा हितैषी मेरा कोई नहीं हो सकता!'

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मटुकनाथ और जूली की वर्ष 2011 में एक किताब भी आई। इसे वाणी प्रकाशन ने छापा था। शीर्षक था, 'मटुक जूली की डायरी'।

जूली मटुकनाथ के साथ 2007 से 2014 तक लिव इन रिलेशनशिप में भी रही। लेकिन इसके बाद वह पटना से चली गई। फिलहाल जूली कहां हैं, इसके बारे में मटुकनाथ कोई जानकारी नहीं है, हालांकि वह कहते हैं कि जूली अब आध्यात्मिक राह पर बढ़ गई हैं। जूली और मटुकनाथ की पहली मुलाकात साल 2004 में हुई थी। प्रोफेसर मटुकनाथ पटना के बीएन कॉलेज में पढ़ाते थे और जूली छात्रा थीं।