चिदंबरम ने कहा, 'इसमें कुछ भी गलत नहीं, कांग्रेस सत्ता में आई तो सरकारी इमारतों में संघ की शाखाओं को बंद कर दिया जाएगा।'

मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र को लेकर सियासी बवाल मच गया है। इसमें कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनने पर सरकारी भवनों और परिसरों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 'शाखा' नहीं चलने देने की बात कही है। इसको लेकर भाजपा ने कड़ा ऐतराज जताया है। भाजपा के कई नेताओं ने इस पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया दी। वहीं कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में इसे शामिल किए जाने को सही ठहरा रही है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, 'ऐसा लगता है कि इन दिनों कांग्रेस का एक ही एजेंडा है- मंदिर नहीं बनने देंगे, शाखा नहीं चलने देंगे।' 

वहीं पार्टी राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'कांग्रेस ने संघ पर प्रतिबंध लगाने का वचन दिया है, अच्छा होता, अगर कांग्रेस सिमी जैसे आतंकवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाती। लेकिन वहां क्यों लगाएंगे, आपकी राजनीति तुष्टिकरण व वोटबैंक की जो है।' कैलाश ने कहा कि जनता कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। 

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वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल वादे का समर्थन करते हुए कहा, 'आरएसएस एक राजनीतिक संस्था है, यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो घोषणापत्र के अनुरूप सरकारी इमारतों में संघ की शाखाओं को बंद कर दिया जाएगा, मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता है।'

इससे पहले, हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा, 'कांग्रेस की मति भ्रष्ट हो गई है। मध्य प्रदेश के कांग्रेस के घोषणापत्र में वह देशभक्त आरएसएस की शाखा लगाने पर रोक की बात करती है और देशद्रोही नक्सलवादियों को क्रांतिकारी कहती है।'

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