भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए आज प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर सकती है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा फैसला किया है। भाजपा ने तय किया है कि चुनाव में सभी मौजूदा लोकसभा सांसदों को टिकट नहीं दिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए आज प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर सकती है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के लिए बड़ा फैसला किया है। भाजपा ने तय किया है कि चुनाव में सभी मौजूदा लोकसभा सांसदों को टिकट नहीं दिया जाएगा। पार्टी के इस फैसले से सांसद में नाराजगी तो है लेकिन वह खुलकर पार्टी का विरोध नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि पार्टी के इस फैसले में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे भी आ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार के बाद आलाकमान ने ये फैसला किया है। पार्टी राज्य में नए चेहरों को उतारेगी। राज्य में पार्टी के 10 सांसद हैं। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि राज्य की जनता सांसदों को लेकर नाराज है और वह पिछली भाजपा सरकार से भी नाराज थी। लिहाजा उसे विधानसभा चुनाव में करारी हार मिली। लिहाजा भाजपा नए चेहरों को उतारकर फिर से राज्य की सभी सीटें जीतना चाहती हैं। अब भाजपा ने एक बड़ा निर्णय करते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ के सभी 10 मौजूदा सांसदों की जगह नये चेहरों को उतारने की घोषणा की है।
Chhattisgarh BJP in-charge & National General Secretary Anil Jain: BJP will change all sitting MPs in the state in this election, CEC has approved it. We will bring 11 new candidates and win on all 11 seats. pic.twitter.com/glRCKfFfgM
— ANI (@ANI) March 19, 2019
फिलहाहाल भाजपा के महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी अनिल जैन ने इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं देगी। मंगलवार को ही भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई इस बैठक में इस बारे में चर्चा की गयी और सांसदों के टिकट काटने के असर पर भी विचार विमर्श किया गया। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य शीर्ष नेता शामिल थे। समिति के फैसले के बाद साफ हो गया है कि केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साई और सात बार के लोकसभा सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश बैस को चुनावों में नहीं उतारा जाएगा।
गौरतलब है कि राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में 68 सीटें जीती थी। राज्य में 15 साल शासन कर चुकी भाजपा को 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि सांसदों के परिवार से भी किसी को टिकट न दिया जाए। अगर ऐसा होता है तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे का टिकट कटेगा। हालांकि राज्य में राज्य के नेताओं ने विधानसभा चुनाव में हार के लिए रमन सिंह को ही जिम्मेदार बताया।
Last Updated Mar 20, 2019, 10:02 AM IST