आगामी लोकसभा में सपा-बसपा गठबंधन की चुनौतियों को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित अब 2014 के अपने फार्मूले को लागू करेंगे। ताकि भाजपा के 74 प्लस के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। अमित शाह बूथ कार्यकर्ताओं को चुनाव जीतने का लक्ष्य देंगे। इसी फार्मूले के बलबूते भाजपा सहयोगी दलों के साथ मिलकर पिछले लोकसभा चुनाव में 73 सीटें जीती थी। अमित शाह को बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के जरिए मतदाताओं को बूथ पर लाना का बड़ा प्रबंधक माना जाता है।

इसके लिए भाजपा ने राज्य को चार हिस्सों में बांटा है। इससे पहले भी अमित शाह राज्य के सभी क्षेत्रों में बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से बैठकें कर चुके हैं अब अमित शाह बुधवार को राजधानी में अवध क्षेत्र बूथ सम्मेलन करेंगे। उससे पहले अमित शाह कानपुर में बुंदेलखंड के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से सीधे संवाद करेंगे। अमित शाह अपनी रणनीति के मुताबिक भाजपा के कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे।

इस बैठक की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि अमित शाह अस्वस्थ्य हैं और उसके बावजूद वह कल से यूपी के दौरे पर आ रहे। भाजपा का बूथ स्तर पर संगठन मजबूत माना जाता है और राज्य में हुए लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की नाराजगी उठानी पड़ी थी। यही नहीं तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर रिपोर्ट मिली है।

अमित शाह की बैठक से पहले सोमवार रात को प्रदेश स्तरीय कोर ग्रुप की बैठक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर हुई। बैठक में महामंत्री संगठन सुनील बंसल के साथ ही यूपी में चुनाव के मद्देनजर सह प्रभारी बनाये गये नेताओ गोवर्धन झडपिया, नरोत्तम मिश्र, दुष्यंत कुमार और सुनील ओझा शामिल थे। इस बैठक की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि बैठक में दोनों उप मुख्यमंत्रियों के साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्षों को भी आमंत्रित किया गया था।

तकरीबन दो घंटे से ज्यादा चली बैठक के बाद सभी पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री आवास पर ही भोजन किया और अपने लक्ष्य को लेकर रवाना हो गये। मेरठ की बैठक में अमित शाह ने लोकसभा चुनाव का लक्ष्य यूपी में 74 प्लस सीटों को जीतने का लिया था हालांकि तब सपा और बसपा गठबंधन नहीं बना था। बहरहाल बूथ कार्यकर्ताओं की 30 को होने वाले सम्मेलन के पहले कोर ग्रुप की बैठक की अहमियत समझी जा सकती है।