नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी केन्द्र में सत्ताधारी राजग गठबंधन का कुनबा बढ़ाने की तैयारी में है। भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की कोशिश में है। वहीं दक्षिण भारत में आंध्र प्रदेश से वाईएसआर कांग्रेस को कैबिनेट में शामिल करने के पक्ष में है। अगर ऐसा होता है तो राजग और ज्यादा मजबूत होगा। हालांकि वाईएसआर कांग्रेस को लोकसभा उपाध्यक्ष का पद देकर सहयोगी दल के तौर पर समायोजित किया जा सकता है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद केन्द्र में मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की  चर्चा शुरू होने लगी है। माना जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जदयू को केन्द्रीय कैबिनेट में शामिल कर राजग को मजबूत किया जा सकता है। ऐसा कर बिहार में भाजपा और जदयू की दोस्ती और ज्यादा मजबूत होगी। वहीं इसका फायदा चुनाव में भी मिलेगा। हालांकि पिछली बार जदयू ने कैबिनेट में शामिल होने से मना कर दिया था। लेकिन अब भाजपा उसे सम्मानजनक सीटें देने के पक्ष में है।

हालांकि अभी तक भाजपा और जदयू नेतृत्व के बीच इस मामले को लेकर कोई अंतिम बातचीत नहीं हुई है। लेकिन दोनों दलों के नेता चाहते हैं कि जदयू कैबिनेट में आए। वहीं राजग शिवसेना के जाने से कमजोर हुआ है और गठबंधन को दक्षिणी राज्यों में मजबूत करने के  लिए वाईएसआर कांग्रेस को इससे जोड़ने की तैयारी चल रही है। लिहाजा पिछले दिन जगन मोहन रेड्डी की पीएम नरेद्र मोदी से मुलाकात को अहम माना जा रहा है। असल में जगन राज्य में एक सदन की व्यवस्था  को लागू करना चाहते है और वह राज्य में विधान परिषद को खत्म करना चाहते हैं।

ताकि राज्य में किसी भी प्रस्ताव को वह सदन से पारित करा सके।  लिहाजा केन्द्र इसमें उनकी मदद कर सकती है। लिहाजा जगन भी भी केन्द्रीय कैबिनेट में सहयोगी बन सकते हैं। हालांकि जगन से पहले पिछली मोदी सरकार में टीडीपी राजग की अहम सहयोगी थी। लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले चंद्र बाबू नायडू ने राजग से नाता तोड़ लिया था। बाबू राजग में संयोजक थे। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि अगर वाईएसआर कैबिनेट में शामिल नहीं होती है तो उसे लोकसभा के उपाध्यक्ष का पद दिया जा सकता है। ताकि इसके वह राजग का हिस्सा बनी रहे।