राज्य में कई दिनों से चला आ रहा सियासी ड्रामा अभी भी खत्म नहीं हुआ है। राज्य की कुमारस्वामी सरकार इतनी जल्दी हार मानने को तैयार नहीं है और इसके लिए राज्य के विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार भी सरकार का पूरा साध दे रहे हैं। गुरुवार को कुमारस्वामी सरकार द्वारा विश्वासमत प्रस्ताव पेश करने के बाद भी विधानसभा में वोटिंग नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सदन में भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया।

कर्नाटक में पिछले कई दिनों से जारी राजनीतिक घमासान के बीच शुक्रवार रात में विधानसभा का नजारा कुछ अलग ही था। दिनभर राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच जब विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा आज तक के लिए स्थगित कर दी तो भाजपा ने विरोध के लिए सदन में धरना देने का फैसला किया।

फिर क्या था विधायकों ने सदन के भीतर ही खाना खाया और फिर वहीं पर सो गए। कुछ विधायकों ने घर से चादर और तकिए भी मंगाए। ताकि आराम से सोया जा सके। क्योंकि आज भी विधानसभा में हंगामा होने के पूरे आसार हैं।

राज्य में कई दिनों से चला आ रहा सियासी ड्रामा अभी भी खत्म नहीं हुआ है। राज्य की कुमारस्वामी सरकार इतनी जल्दी हार मानने को तैयार नहीं है और इसके लिए राज्य के विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार भी सरकार का पूरा साध दे रहे हैं।

गुरुवार को कुमारस्वामी सरकार द्वारा विश्वासमत प्रस्ताव पेश करने के बाद भी विधानसभा में वोटिंग नहीं हो पाई। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सदन में भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। तो भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस-जेडीएस पर बहुमत खोने के बावजूद वोटिंग में देरी का आरोप लगाया।

इस ड्रामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कार्यवाही आज सुबह 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। जिसके विरोध स्वरूप भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा विधायक सदन में ही डटे रहे। भाजपा विधायकों ने वहीं पर खाना खाया और वहीं पर सो गए।

राज्य भाजपा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा भी विधायकों के साथ विधानसभा में सोए। असल में भाजपा कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी और इसके जरिए अपना विरोध भी जता रही थी। हालांकि आज उम्मीद की जा रही है कि कुमारस्वामी सरकार विश्वासमत के लिए वोटिंग कराएगी।

हालांकि इसी बीच खबर आ रही है कि राज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को पत्र लिखकर विश्वासमत के लिए आज दोपहर 1:30 बजे तक का समय दिया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ये तय हो चुका है कि बागी विधायक विश्वासमत की वोटिंग में शामिल नहीं होंगे।

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इसके लिए कांग्रेस और जेडीएस अपने विधायकों पर व्हिप के जरिए दबाव भी नहीं बना सकती है। लिहाजा सरकार का गिरना तय माना जा रहा है। लेकिन कुमारस्वामी इतनी जल्दी हार माने को तैयार नहीं हैं। अभी तक बागी विधायक मुंबई में ही बैठक पर पूरा सियासी घमासान देख रहे हैं।